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PU Senate Pollsः चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव को दी हरी झंडी, कहा- पीयू खुद तय करे चुनावी शेड्यूल

Punjab University Senate Polls चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पंजाब यूनिवर्सिटी को साफ कर दिया है कि उन्हें सीनेट चुनाव को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। बुधवार को इस संबंध में चंडीगढ़ डिप्टी कमिशनर की ओर से पंजाब यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार को चिट्ठी भेज दी गई है।

By Vinay kumarEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 07:47 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 07:47 AM (IST)
PU Senate Pollsः चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव को दी हरी झंडी, कहा- पीयू खुद तय करे चुनावी शेड्यूल
चंडीगढ़ प्रशासन ने पीयू को साफ कर दिया है कि उन्हें सीनेट चुनाव को लेकर कोई आपत्ति नहीं है।

चंडीगढ़ [डा. सुमित सिंह श्योराण]। Punjab University Senate Polls पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव को लेकर बुधवार चंडीगढ़ प्रशासन ने बड़ा फैसला दिया है। चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पंजाब यूनिवर्सिटी को साफ कर दिया है कि उन्हें सीनेट चुनाव को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। बुधवार को इस संबंध में चंडीगढ़ डिप्टी कमिशनर की ओर से पंजाब यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार को चिट्ठी भेज दी गई है। सूत्रों के अनुसार यूटी प्रशासन से सीनेट चुनाव की हरी झंडी मिलने से चुनाव को लेकर लंबे समय से विरोध करने वाले सीनेटर को काफी राहत मिल गई है।

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डिप्टी कमिशनर द्वारा पीयू रजिस्ट्रार कम रिटर्निंग आफिसर को लिखे पत्र में कहा गया है कि पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव को करवाने का फैसला खुद ले। पत्र में कहा गया है कि यूटी प्रशासन को सीनेट चुनाव को लेकर किसी तरह का आब्जेक्शन नहीं है। पीयू प्रशासन चुनाव के लिए सिर्फ कोविड-19 प्रोटोकाल को फोलो करे। पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा सीनेट चुनाव को करीब चार महीने से कोविड-19 का हवाला देकर स्थागित किया जा रहा है।

इस मामले में दो बार पीयू द्वारा यूटी प्रशासन को चुनाव कराने को लेकर पत्र भी लिखा गया, लेकिन प्रशासन ने कोविड-19 के मामले अधिक होने के कारण दो बार चुनाव को पोस्टपोन करने के निर्देश जारी कर दिए। लेकिन अब स्थिति सामान्य होने के बाद पीयू की चिट्ठी के जवाब में यूटी प्रशासन ने सीनेट चुनाव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार 11 जनवरी 2021 पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा डिप्टी कमिशनर चंडीगढ़ को पत्र लिखकर सीनेट चुनाव को लेकर सुझाव मांगा था। मामले में यूटी प्रशासन की ओर से बुधवार को मिले जवाब में सीनेट चुनाव का शेड्यूल जारी करने और चुनाव कराने का फैसला पीयू पर छोड़ दिया है।

हाईकोर्ट में 15 जनवरी को सुनवाई

1947 के बाद पहली बार पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट और सिंडिकेट बाडी दोनों के चुनाव नहीं कराए गए हैं। पीयू प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार की न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत बोर्ड आफ गवर्नेंस लागू करने की तैयारी है। जबकि पीयू के पूर्व सीनेट सदस्य सीनेट और सिंडिकेट बाडी को पहले की तरह गठित करने को लेकर अड़े हुए हैं। मामला इतना बढ़ गया कि सीनेट के सात सदस्यों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सीनेट चुनाव को लेकर अर्जी दायर की दी। मामले में 9 जनवरी को पीयू प्रशासन द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। मामले में अब अगली सुनवाई 15 जनवरी को होनी है। अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट की सुनवाई पर है।

पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन और पवन बंसल भी सीनेट के समर्थन में 

पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट और सिंडिकेट में पंजाब का राजनैतिक दखल हमेशा ही रहा है। 91 सदस्यों की सीनेट बाडी में पंजाब के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से लेकर कई अधिकारी मेंबर होते हैं। ग्रेजुएट कांस्टीट्यूंसी में भी पंजाब के उम्मीदवारों का दबदबा रहा है। पीयू कैंपस से निकले कई छात्र नेताओं के लिए सीनेट और सिंडिकेट राजनीति में कदम का मार्ग है। पीयू सीनेट को खत्म करने पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी विरोध जता चुके हैं। मामले में कैप्टन ने पीयू चांसलर को भी मौजूदा सीनेट स्ट्रक्चर को जारी रखने की मांग की है। उधर सीनेट चुनाव कराए जाने को लेकर पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री पवन कुमार बंसल भी ट्वीट कर चुके हैं। बंसल ने भी जल्द से जल्द सीनेट चुनाव कराने का मुद्दा उठाया है। 

यूटी प्रशासन ने अगर सीनेट चुनाव पर सहमति दे दी है, तो पीयू को तुरंत मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। चुनाव के मामले को जानबूझ कर लटकाया जा रहा है। पीयू में लोकतांत्रित सिस्टम को बनाए रखने के लिए सीनेट और सिंडिकेट बाडी का होना जरूरी है। बीते महीनों में पीयू की कार्यप्रणाली बुरी तरह से प्रभावित हुई है।

अशोक गोयल, सिंडिकेट मेंबर पंजाब यूनिवर्सिटी।

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