World AIDS Day: चंडीगढ़ में वर्ष 2012 में एचआइवी मरीजों की संख्या थी 7.12 फीसद, अब 0.52
World AIDS Day चंडीगढ़ में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के मुताबिक चंडीगढ़ उन चुनिंदा शहरों में शामिल हैं जहां पूरे देश में शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का एचआइवी टेस्ट किया जाता है।
चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ ने एड्स जैसी घातक बीमारी पर लगभग नियंत्रण पा लिया है। शहर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2012 में शहर में 7.12 फीसद लोग एचआइवी पॉजिटिव थे। जोकि वर्ष 2019 से अक्टूबर 2020 तक के मौजूदा आंकड़े के अनुसार अब शहर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 0.52 फीसद ही रह गई है। यह जानकारी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 से अक्टूबर 2020 तक शहर में 65,782 का एचआइवी टेस्ट किया गया। इनमें से 343 यानी 0.52 फीसद लोग एचआइवी पॉजिटिव पाए गए। जबकि बीते एक साल में 61,116 लोगों का वीडीआरएल टेस्ट किया गया। इनमें से 83 यानी 0.14 लोगों का वीडीआरएल टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। एक दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है, वर्ल्ड एड्स डे पर एक विशेष रिपोर्ट।
पूरे देश में चंडीगढ़ ऐसा शहर जहां शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का होता है एचआइवी टेस्ट
स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के मुताबिक चंडीगढ़ उन चुनिंदा शहरों में शामिल हैं, जहां पूरे देश में शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का एचआइवी टेस्ट किया जाता है। वर्ष 2019 से अक्टूबर 2020 तक शहर में 18,513 गर्भवती महिलाओं का एचआइवी टेस्ट किया गया। इनमें से 23 महिलाएं एचआइवी पॉजिटिव पाई गईं। यानी शहर में लगभग एक साल में जितनी गर्भवती महिलाओं का एचआइवी टेस्ट होता है, उनमें से सिर्फ 0.12 फीसद महिलाएं ही एचआइवी पॉजिटिव आइती है। लेकिन इन महिलाओं के लिए भी ऐसी दवा आ गई हैं, जो दवा लेने के बाद गर्भवती महिलाएं एचआइवी पॉजिटिव होने से बच सकती हैं।
एड्स का होता है निःशुल्क इलाज
चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग और स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से एड्स के मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाता है। इसके अलावा निशुल्क दवाईयां तक उपलब्ध कराई जाती है। एचआइवी के मरीज सामान्य दवाईयां खाकर अपना जीवन जी सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर एचआईवी की दवा मुफ्त में दी जाती है। इसमें एक गोली होती है, जिसमें तीन दवाएं होती हैं, यह एक गोली रोजाना खानी होती है। यह दवा की खुराक छूटनी नहीं चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सरकार ने वर्ष 2030 तक पूरे देश को एड्स मुक्त बनाने का लक्षय रखा है।