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हजारों मील का सफर तय कर हर साल सुखना लेक पर आता है चीन का यह पक्षी, देखें तस्वीरें

हजारों मील का सफर तय कर चाइना का सवन पक्षी हर साल चंडीगढ़ पहुंच जाता है। चंडीगढ़ की सुखना लेक पर सवन नाम का यह माइग्रेटरी बर्ड अकसर सर्दियों में देखा जाता है। सिर्फ चाइना ही नहीं साइबेरिया और अफगानिस्तान से भी Migratry Birds सुखना लेक आते हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 07:54 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 07:54 AM (IST)
हजारों मील का सफर तय कर हर साल सुखना लेक पर आता है चीन का यह पक्षी, देखें तस्वीरें
चाइना का सवन पक्षी हर साल चंडीगढ़ पहुंच जाता है।

चंडीगढ़ [बलवान करिवाल]। भारत चीन सीमा पर इन दिनों जबरदस्त तनाव है। फिर भी हजारों मील का सफर तय कर चाइना का सवन पक्षी हर साल चंडीगढ़ पहुंच जाता है। चंडीगढ़ की सुखना लेक पर सवन नाम का यह माइग्रेटरी बर्ड अकसर सर्दियों में देखा जाता है। सिर्फ चाइना ही नहीं साइबेरिया और अफगानिस्तान से भी Migratry Birds सुखना लेक आते हैं। ऐसे सैकड़ों माइग्रेटरी बर्ड सुखना लेक पर इन दिनों देखे जा रहे हैं। साइबेरिया से पहुंचे बारहेडेड गीज पिन टेल और रेड क्रिसटेड पोचार्ड को सुखना लेक में देख सकते हैं। लोगों की आवाजाही शोर शराबे से दूर रेगुलेटरी एंड की तरफ ऐसे बडर्स के ग्रुप देखे जा सकते हैं।

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इनके चंडीगढ़ पहुंचने की मुख्य वजह यह है कि जिस एरिया से यह आए हैं वहां अत्यधिक ठंड बर्फबारी के कारण नदी, झरने, तालाब और लेक जम चुके हैं। जिससे वहां इनका रहना मुश्किल हो जाता है। चंडीगढ़ में इतनी ठंड नहीं पड़ती है कि झील वॉटर बॉडी जम जाए। इस वजह से भोजन और जीवन की तलाश में यह परिंदे हजारों किलोमीटर दूर सुखना लेक पहुंचे हैं। अब यह परिंदे अप्रैल तक यहीं रुकेंगे। इसके बाद सभी वापस अपने-अपने एरिया में लौटना शुरू हो जाएंगे। फिर अगले साल सर्दियों में वापस लौटेंगे। सुखना लेक 34 प्रजातियों के माइग्रेटरी बडर्स देखे गए हैं। चंडीगढ़ बर्ड क्लब के वाटर फाउल सेंसस एंड स्पीसिज काउंट में यह जानकारी सामने आई है।

फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट कर रहा स्वागत

हजारों किलोमीटर का सफर तय कर लेक पहुंचने वाले माइग्रेटरी बर्ड्स का फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट चंडीगढ़ स्वागत कर रहा है। इनको फूड उपलब्ध कराने से लेकर बेहतर वातावरण देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही शहर के रेजिडेंट्स और पर्यटकों के लिए भी यह प्रवासी मेहमान आकर्षण का केंद्र हैं। लोगों के नजदीक होने की आहट मात्र से ही यह बड् र्स फड़फड़ा कर झटके से उड़ जाते हैं। उम्मीद की जा रही है कि हर साल की तरह इस साल भी माइग्रेटरी बर्ड्स लेक और इसके आसपास की वाटर बॉडीज में अप्रैल तक रुकेंगे।

आसानी से देख सकते हैं यह बडर्स

सुखना लेक पर कैटल इगरेट, ब्लैक क्राउंड नाइट हेरोन, कॉमन किंगफिशर, कॉमन पोचार्ड, इयूरासेन मूरेहन, ग्रीन सेंडपाइपर, ग्रे वेजटेल, नार्दन पिनटेल, नोब बिल्ड डक, पाइड किंगफिशर, टफटेड डक, व्हाइट वेजटेल, ब्लैक काइट, ग्रे फ्रंकोलिन, हिमालयन बुलबुल जैसी प्रजातियों के बड् र्स को आसानी से देखा जा सकता है।


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