Move to Jagran APP

हाई कोर्ट ने पूछा- दो सप्ताह में अतिरिक्त गृह सचिव बताएं पंजाब में कितने दागी पुलिस अधिकारी

पंजाब एवंं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने पंजाब से दागी अफसरों की सूची मांगी थी लेकिन पंजाब ने निचले अफसरों की सूची सौंपी। हाई कोर्ट ने अब अगली सुनवाई में वरिष्ठ अधिकारियों की भी सूची मांगी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 02:06 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 02:06 PM (IST)
हाई कोर्ट ने पूछा- दो सप्ताह में अतिरिक्त गृह सचिव बताएं पंजाब में कितने दागी पुलिस अधिकारी
हाई कोर्ट ने मांगी दागी पुलिस अधिकारियों की सूची। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के अतिरिक्त गृह सचिव को आदेश दिया कि वह हाई कोर्ट के पिछले आदेश की पालना करते हुए दो सप्ताह में उच्च पदों पर आसीन सभी दागी पुलिस अधिकारियों की सूची कोर्ट में दायर करे। हाई कोर्ट ने 28 अक्टूबर को भी यह आदेश जारी किए थे, लेकिन सोमवार को सरकार ने कोर्ट से आग्रह किया कि उसे जवाब दायर करने के लिए कुछ समय दिया जाए। सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट की जस्टिस रितू बाहरी ने अतिरिक्त गृह सचिव को आदेश दिया कि वो दो सप्ताह के भीतर कोर्ट के आदेशानुसार सभी दागी पुलिस अधिकारियों की सूची कोर्ट में सौंपे। इस मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।

loksabha election banner

इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील बलबीर सैनी ने बेंच को बताया कि एक सुनवाई पर हाई कोर्ट के आदेश पर पंजाब के उप गृह सचिव विजय कुमार ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर 822 पुलिस कर्मियों को दागी बताया था। जिसमें करीब 18 इंस्पेक्टर, करीब 24 एसआई और करीब 170 एएसआइ हैं। शेष हेड-कांस्टेबल व कांस्टेबल हैं।

सैनी ने कहा कि यह केवल निचले स्तर के अधिकारी हैं। पीपीएस और आइपीएस अधिकारियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। जिस पर हाई कोर्ट ने अब अतिरिक्त गृह सचिव को आदेश दिया है कि वह सभी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले, एफआइआर में जांच के स्टेटस और यह कर्मी व अधिकारी जहां तैनात हैैं, इसका पूरा ब्यौरा दिया जाए।

वकील सैनी ने हाई कोर्ट को बताया कि उप सचिव व इससे पहले मोगा के एसएसपी द्वारा दिए गए हलफनामे में काफी विरोधाभास है। एसएसपी ने माना था कि पुलिस में ऐसा कोई कर्मी नहीं जिसके खिलाफ एफआइआर दर्ज हो और वह सेवा में है, जबकि उप सचिव का हलफनामा कुछ और ही जानकारी दे रहा है।

हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से उन सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की जानकारी मांगी थी जिनके खिलाफ एफआइआर दर्ज हैं और वह अब भी सेवा में हैं। कोर्ट ने सरकार को यह भी आदेश दिया था कि वो यह भी जानकारी दे कि इस समय वो कर्मी कहां तैनात हैं, उनके खिलाफ किस तरह के मामले दर्ज हैं और अब उनका क्या स्टेटस है, लेकिन पंजाब सरकार ने कोर्ट को उच्च अधिकारियों की जानकारी नहीं दी। हाई कोर्ट ने यह आदेश बर्खास्त पुलिस कर्मी सुरजीत सिंह की ओर से अपनी बर्खास्तगी के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया था।

कोर्ट को बताया गया था कि सुरजीत सिंह के खिलाफ दर्ज एक एफआइआर के कारण मोगा के एसएसपी ने उसे बर्खास्त करने के आदेश दे दिए हैं, जबकि आइजी फिरोजपुर रेंज ने उसके खिलाफ दर्ज एफआइआर के बाद 23 नवंबर 2018 में बहाल कर दिया था। इसके बावजूद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। याचिका में उसने कहा था कि पुलिस में ऐसे कई अधिकारी हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह अब भी सेवा में हैं। ऐसे में उसे बर्खास्त किया जाना भेदभावपूर्ण है। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार सहित अन्य सभी प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.