हुर्रियत नेता मीरवाइज पर हमले का मामलाः पूर्व मेयर आशा जसवाल सहित भाजपा के 21 नेताओं पर चलेगा केस
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट इंद्रजीत सिंह की कोर्ट इसी वर्ष 17 फरवरी को ही सभी आरोपितों पर आरोप तय कर चुकी है। मामले में करीब दस साल बाद आरोप तय हुए थे।
चंडीगढ़, जेएनएन। हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक पर चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान हुए हमले के मामले में आरोपित भाजपा के 21 नेताओं के खिलाफ अब जिला अदालत में केस चलेगा। घटना 25 नंवबर 2010 की है।
जिला अदालत के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेंशस जज राजीव गोयल ने प्रॉसिक्यूशन की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने यह केस न चलाने की अपील की थी। प्रॉसिक्यूशन ने इसके लिए देश और समाज में शांति बनाए रखने का आधार दिया था, लेकिन कोर्ट ने उनकी अपील को न मानते याचिका बुधवार को खारिज कर दी। अब केस की अगली सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी।
इससे पहले भी प्रॉसिक्यूशन ने निचली अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन निचली अदालत ने भी याचिका खारिज कर दी थी। उधर, मामले में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट इंद्रजीत सिंह की कोर्ट इसी वर्ष 17 फरवरी को ही सभी आरोपितों पर आरोप तय कर चुकी है। इस केस में चंडीगढ़ की पूर्व मेयर आशा जसवाल के साथ मौजूदा पार्षद सुनीता धवन, पूर्व पार्षद सतिंदर सिंह और राजिंदर कौर रत्तू समेत भाजपा के 21 लोग नामजद हैं। मामले में करीब दस साल बाद आरोप तय हुए थे। प्रॉसिक्यूशन अब इस फैसले के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देने के बारे में विचार कर रहा है।
यह है मामला
25 नंवबर 2010 को हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक चंडीगढ़ के सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। सेमिनार के दौरान उनके भाषण पर कश्मीरी पंडितों ने एतराज जताया और हंगामा कर दिया। मीरवाइज ने कश्मीर और भारत-पाक संबंधों पर बोलना शुरू ही किया था कि कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। गुस्साए लोगों ने मीरवाइज से माइक छीन लिया और हाथापाई की। इस दौरान लोगों ने बिलाल लोन के साथ भी हाथापाई की। तोडफ़ोड़ करने वाले लोगों का आरोप था कि मीरवाइज भारत विरोधी बयान दे रहे थे। चंडीगढ़ पुलिस ने मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया।