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चंडीगढ़ में सीनियर डिप्टी मेयर ने दी धमकी, कहा- वेंडर्स के लिए खुद धरने पर बैठेंगे

सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा सेक्टर-22 के पांच वेंडर्स को शास्त्री मार्केट के सामने वेंडिंग जोन में जगह न दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। यहां 100 से ज्यादा वेंडर्स बैठते हैं लेकिन इन पांच वेंडर्स को जगह कम पड़ने पर निकाल दिया गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:37 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:37 AM (IST)
चंडीगढ़ में सीनियर डिप्टी मेयर ने दी धमकी, कहा- वेंडर्स के लिए खुद धरने पर बैठेंगे
सेक्टर-22 के पांच वेंडर्स को शास्त्री मार्केट के सामने वेंडिंग जोन पर जगह नहीं दी जा रही।

चंडीगढ़, जेएनएन। सीनियर डिप्टी मेयर रवि कांत शर्मा ने नगर निगम के खिलाफ ही मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने निगम कमिश्नर के कमरे के बाहर धरने पर बैठने की घोषणा की है। शर्मा का कहना है कि उन्होंने इसका अल्टीमेंटम कमिश्नर केके यादव और मेयर राजबाला मलिक, दोनों को दे दिया है।

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रविकांत शर्मा का कहना है कि इस समय सेक्टर-22 के पांच वेंडर्स को शास्त्री मार्केट के सामने वेंडिंग जोन पर जगह नहीं दी जा रही जबकि उनसे हर माह लाइसेंस फीस ली जा रही है। इन पांच वेंडर्स का नगर निगम की ओर से ड्रा भी निकाला गया था। शास्त्री मार्केट के सामने बने वेंडिंग जाेन साइट में 100 से ज्यादा वेंडर्स बैठते हैं लेकिन इन पांच वेंडर्स को जगह कम पड़ने पर वहां से निकाल दिया गया। कहा जा रहा है कि वहां पर बिजली के खंभे आ गए थे। अब यहां पर जगह पर कम पड़ गई है लेकिन यह पांच वेंडर्स कम जगह लेने के लिए भी तैयार है। इन पांच वेंडर्स में से एक ने पिछले माह खुदकुशी भी कर ली है।

सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा का कहना है कि इस समय बाकी के वेंडर्स भी काफी परेशान है। वह यह मुद्दा कई बार कमिश्नर के सामने उठा चुके हैं लेकिन फिर भी वेंडर्स की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। रवि का कहना है कि इस माह होने वाली सदन की बैठक में भी वह एक बार फिर से यह मामला उठाएंगे। इस मुद्दे का भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद भी समर्थन कर रहे हैं।

पार्षद दूबे भी वेंडर्स के मामले में अधिकारियों से नाराज

उधर, भाजपा के पार्षद अनिल दूबे भी इस समय वेंडर्स के मामले में अधिकारियों से नाराज हैं। दूबे का कहना है कि कोरोना काल में पहले से ही वेंडर्स का कामकाज ठप है। उन्हें अतिक्रमण हटाओ दस्ते की ओर से काम नहीं करने दिया जा रहा। वेंडर्स का रोजगार छीन रहा है। ऐसे में सभी वेंडर्स की लाइसेंस फीस माफ होनी चाहिए। इस सदन की बैठक में वह भी इस मामले को जोरो शोरो से उठाएंगे। मालूम हो कि इस समय शहर में 9 हजार से ज्यादा वेंडर्स है।


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