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AAP ने नगर निगम को लिखा पत्र, कहा- नर्क का अनुभव करना चाहते हो तो गांव में आकर रहें

आप के मुख्य प्रवक्ता नितिन गोयल ने कमिश्नर केके यादव को शिकायत पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि बिल जमा न करवाना यह न केवल हैरान करने वाला और शर्मनाक है बल्कि निगम के संबंधित अधिकारियों की ओर से आपराधिक लापरवाही भी है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 04:24 PM (IST)
AAP ने नगर निगम को लिखा पत्र, कहा- नर्क का अनुभव करना चाहते हो तो गांव में आकर रहें
गांवों को विकास के वायदे के साथ 2018 में नगर निगम में मिला दिया गया था। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम द्वारा बिजली बिलों का भुगतान न किए जाने के कारण विभाग ने धनास, सारंगपुर, खुडा लाहोरा और खुडा जस्सू सहित कई गांवों की स्ट्रीट लाइटों के लिए बिजली काट दी है। इस संबंध में आप के मुख्य प्रवक्ता नितिन गोयल ने कमिश्नर केके यादव को शिकायत पत्र लिखा है। यह न केवल हैरान करने वाला और शर्मनाक है, बल्कि निगम के संबंधित अधिकारियों की ओर से आपराधिक लापरवाही भी है।

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गोयल ने कहा है कि इन गांवों को विकास के वायदे के साथ 2018 में नगर निगम में मिला दिया गया था, जबकि सड़कों, स्वच्छता, जल आपूर्ति, पार्कों आदि की स्थिति में शून्य सुधार हुआ है, इसके विपरीत, हालत केवल खराब ही हुए हैं। लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि यदि आप जीवित रहकर नर्क का अनुभव करना चाहते हैं, तो यूटी गांवों में आकर रहें। सबके ऊपर, यहां निवासियों को अब स्ट्रीट लाइट का भी सामना करना पड़ रहा है। आने वाले लंबी रातों में इन ग्रामीणों की पीड़ा और बढ़ जाएगी। मर्जर के समय, नगर निगम ने इन गांवों की ग्राम पंचायतों की सभी संपत्तियों को भी अपने कब्जे में ले लिया था। उदाहरण के लिए अकेले धनास में, अन्य संपत्तियों के अलावा, पंचायत से संबंधित आठ दुकानों को निगम ने अपने कब्जे में ले लिया, जिससे निगम को लगभग 40,000 रुपये का मासिक किराया मिल रहा है, लेकिन फिर भी निगम छह महीने से स्ट्रीट लाइटों के बिजली बिलों का भुगतान करने में विफल रहा।

इन गांवों के निवासियों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। पत्र में कहा गया है कि बिजली विभाग के लंबित बिलों का निपटारा करके यूटी के सभी गांवों की स्ट्रीट लाइटों की तत्काल बहाली सुनिश्चित करें। यूटी बिजली विभाग द्वारा रिमाइंडर्स और फॉलो-अप के बावजूद बिजली बिलों का भुगतान न करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए विभागीय जांच शुरू करें। प्रभावित गांवों के प्रत्येक घर को मुआवजा प्रदान करें, जो विभागीय जांच में जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों से वसूला जाना चाहिए।

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