यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की नई स्कॉलरशिप स्कीम पर खिलाड़ियों को संशय, तीन साल से कैश अवार्ड का कर रहे इंतजार
स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने वर्ष 2016-17 के लिए जूनियर व सब-जूनियर श्रेणी और वर्ष 2017-18 व 2018-19 तक की खेल उपलब्धियों के लिये सीनियर जूनियर व सब जूनियर श्रेणी के राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता खिलाड़ियों को कैश अवार्ड नहीं दिया गया।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। कैश अवॉर्ड किसी भी खिलाड़ी को इसलिए दिया जाता है, ताकि उसे अपनी ट्रेनिंग और खेल संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए मदद की जा सके। बावजूद इसके स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने वर्ष 2016-17 के लिए जूनियर व सब-जूनियर श्रेणी और वर्ष 2017-18 व 2018-19 तक की खेल उपलब्धियों के लिये सीनियर, जूनियर व सब जूनियर श्रेणी के राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता खिलाड़ियों को कैश अवार्ड नहीं दिया गया।
स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की दलील है कि वह खिलाड़ियों को पंजाब-हरियाणा की तर्ज पर कैश अवार्ड देना चाहता है, इसलिए देरी हो रही है। दूसरी तरफ स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने सितंबर महीने में ऐसे खिलाड़ियों के आवेदन मंगवाए जिन्होंने साल 2019 में नेशनल, स्टेट व इंटर स्कूल में मेडल जीते हैं। स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट इन खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप देना चाहता है। ऐसे में उन खिलाड़ियों में रोष है जो पिछले तीन साल से कैश अवार्ड का इंतजार कर रहे हैं।
यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की तरफ से दिए जाने वाले वाला कैश अवार्ड
स्तर -------------------- -गोल्ड - -सिल्वर - ब्रांज
नेशनल गेम्स - ---------------------तीन लाख - दो लाख - एक लाख
नेशनल चैंपियनशिप (सीनियर) -दो लाख - एक लाख - 50 हजार
नेशनल चैंपियनशिप (जूनियर) -एक लाख - 50 हजार - 25 हजार
नेशनल चैंपियनशिप (सब जूनियर) -50 हजार - 25 हजार - 12500 रुपये
अॉल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट -30 हजार - 20 हजार - 14 हजार
नेशनल स्कूल गेम्स (अंडर -19) 30 हजार - 20 हजार - 14 हजार
नेशनल स्कूल गेम्स (अंडर -17) 15 हजार - 10 हजार - सात हजार
सब जूनियर (अंडर -14) 7500 रुपये - 5000 रुपये - 3500 रुपये
कब बनेगी नई स्पोर्ट्स पॉलिसी
चंडीगढ़ में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को जहां 2 से 3 लाख रुपये मिलते हैं, वहीं पंजाब-हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को 5 से 10 लाख रुपये मिलते हैं। इसके अलावा पंजाब-हरियाणा में पदक जीतने खिलाड़ी को फर्स्ट व सैकेंड क्लास जॉब ऑफर की जाती है, जबकि चंडीगढ़ की ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है। जिस वजह से खिलाड़ी चंडीगढ़ से ट्रेनिंग लेकर पंजाब हरियाणा की तरफ से खेलने को तरजीह देते हैं।
यह अलग स्कॉलरशिप स्कीम है, जिसे लेकर बहुत से खिलाड़ियों और उनके परिजनों को संशय हो रहा है। खिलाड़ियों को कैश अवार्ड दिए जाएंगे। हम खिलाड़ियों को पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर कैश अवार्ड देना चाहते हैं, कुछ मापदंड अभी तय नहीं हो पाएं हैं। हमारी कोशिश है कि उन्हें तुरंत पूरा करके खिलाड़ियों को कैश अवार्ड दिए जाएंगे। खिलाड़ियों के अॉनलाइन अावेदन मंगवा लिए गए हैं।
रविंद्र सिंह लाडी, जिला खेल अधिकारी, यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट