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कृषि विधेयक पर हरसिमरत व अमरिंदर आमने-सामने, कानून पर पंजाब सीएम को घेरा

हरसिमरत कौर बादल और पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह कृषि विधेयकों पर आमने-सामने हैं। हरसिमरत ने कहा कि जो कानून 2017 से पंजाब में लागू है वह केंद्र में गलत कैसे है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 08:15 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 08:15 AM (IST)
कृषि विधेयक पर हरसिमरत व अमरिंदर आमने-सामने, कानून पर पंजाब सीएम को घेरा
कृषि विधेयक पर हरसिमरत व अमरिंदर आमने-सामने, कानून पर पंजाब सीएम को घेरा

चंडीगढ़, जेएनएन। कृषि अध्‍यादेशों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंर सिंह आमने सामने हैं। दोनों ने इसको लेकर एक-दूसरे पर सवाल उठाए हैं। हरसिमरत ने कहा कि जो कानून कैप्‍टन पंजाब में लागू कर चुके हैं वह केंद्र में गलत कैसे हो गया। दूसरी ओर, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने हरसिमर‍त के इस्‍तीफे पर सवाल उठाया और कहा कि केंद्र सरकार किसानों की जमीन छीनने के प्रयास में है।

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हरसिमरत कृषि विधेयकाें के विरोध में नहीं, बस किसानों की शंकाएं दूर करना चाहती थीं

दरअसल, हरसिमरत कौर बादल ने कृषि विधेयक को लेकर केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा तो दे दिया है लेकिन वह इसके विरोध में नहीं हैैं। वह केवल यह चाहती थीं कि इसे लेकर किसानों की शंकाएं पहले दूर की जातीं, तब इसे सदन में पेश किया जाता।

जो कानून पंजाब में 2017 से लागू वह केंद्र में गलत कैसे : हरसिमरत

हरसिमरत कौर बादल का कहना है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जिस कानून का वह विरोध कर रहे हैं उसी कानून को उन्होंने 2017 में विधानसभा में पास किया। उसी कानून को 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया। हरसिमरत ने सवाल‍ किया जो कानून पंजाब में लागू है वह कानून केंद्र में कैसे गलत हो सकता है?

हरसिमरत ने एक बार फिर किसानों से माफी मांगी कि मंत्रिमंडल में होने के बावजूद वह किसानों की शंकाओं को दूर करने में असमर्थ रहीं। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों की हर शंका को केंद्रीय कृषि मंत्री से दूर करवाने की कोशिश की है।

सुखबीर, हरसिमरत 21 को श्री दरबार साहिब जाएंगे

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री व सासंद हरसिमरत कौर बादल 21 सितंबर को श्री दरबार साहिब में 'अन्नदाता' के लिए अपना कर्तव्य पूरा करने की ताकत देने के लिए धन्यवाद करने जाएंगे। उनके साथ वरिष्ठ अकाली दल की समूह लीडरशीप भी जाएगी। पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि दोनों सुबह 11 बजे श्री दरबार साहिब पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि उनको दृढ़ विश्वास है कि अकाल पुरख द्वारा दी गई ताकत ने उन्हें संसद में किसान और खेत मजदूर की आवाज उठाने में सक्षम बनाया और शिरोमणि अकाली दल देश के किसानों के साथ खड़ा हो सका।

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जिन किसानों ने अन्न दिया, उनकी जमीन छीनना चाहती है केंद्र सरकार: कैप्टन

दूसरी ओर, लुधियाना मेें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरसिमरत कौर बादल और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'पंजाब के जिन किसानों ने देश को अन्न मुहैया करवाया, केंद्र सरकार उनकी जमीन छीनना चाहती है। यह विधेयक पंजाब के किसानों को बर्बाद कर देगा। हम किसानों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।' कैप्टन ने कहा कि पंजाब के 72 फीसद किसानों के पास पांच एकड़ से कम जमीन है। शांता कुमार आयोग की रिपोर्ट के सुझाव लगाकर केंद्र सरकार अब किसानों का हक मारेगी और उनकी बची जमीन भी कांट्रैक्ट फार्मिंग के तहत छीन लेगी, लेकिन हम ऐसा कभी होने नहीं देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संवैधानिक गारंटी हटाने के केंद्र सरकार के आश्वासन पर कैसे विश्वास किया जा सकता है। यह संवैधानिक गारंटी संसद की तरफ से दी गई थी, जिसे केंद्र की मौजूदा सरकार बहुमत की धौंस में तबाह करने जा रही है। यह विधेयक किसान मारू, पंजाब मारू है।

पाकिस्तान को आग भड़काने का मौका

कैप्टन ने कहा यह कानून सरहदी राज्य के लोगों में गुस्से की भावना पैदा करेगा। इससे पाकिस्तान को और आग भड़काने का मौका मिल जाएगा। यह कदम पंजाब के माहौल को खराब करेगा। कैप्टन ने शिअद को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि क्या उन्होंने एक बार भी सोचा कि कृषि व पानी के बिना पंजाब के साथ क्या होगा? सतलुज-यमुना लिंक नहर का मुद्दा लटक रहा है। हालात खतरनाक हैं और अकाली दल संकट को बढ़ा रहा है। आने वाली पीढिय़ां एनडीए व इसके सहयोगियों को कभी माफ नहीं करेंगी।

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