बुक्स मार्केट पर भी पड़ी कोरोना की मार लेकिन लोेगों का खत्म नहीं हुआ किताबों से प्यार
कोरोना की वजह से प्रदेश के स्कूल व कॉलेज पिछले चार माह से बंद पड़े है जिस कारण किताबों का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
चंडीगढ़, शंकर सिंह। लॉकडाउन के बाद अब धीरे-धीरे उद्योग खुलने लगे है। शहर की कई प्रमुख जगहों पर लोग किताबें खरीदने आ रहे हैं। बुक स्टोर के मालिकों ने बताया कि शहर के लोग किताबें पढ़ना पसंद करते हैं। एेसे में लॉकडाउन खुलने के बाद लोग किताबें खरीदने के लिए पहुंच रहे है। हालांकि कोरोना से पहले की तुलना में अब ज्यादा संख्या में लोग नहीं पहुंच रहे है।
स्टेशनरी का काम प्रभावित
कैपिटल बुक डीपो -17 के अजय अरोड़ा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने अॉनलाइन काफी किताबें पढ़ी है। हमारा काम नॉन एकेडेमिक्स से जुड़ी किताबों का है। लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों ने किताबों की तरफ रुचि दिखाई। लोग उनकी दुकान से किताबें खरीदने आ रहे है। उन्होंने कहा कि अभी भी लोग किताब खरीदने पहुंच रहे हैं, लेकिन उनका स्टेशनरी का काम जरूर प्रभावित हुआ है।
किताबों का नशा है जल्दी नहीं छूटेगा
द इंग्लिश बुक शॉप -17 के राजीव चौधरी ने कहा कि कोरोना के कारण लोगों के मन में डर जरूर हैं, लेकिन पढ़ने की चाहत आज भी बरकरार है। कोरोना के कारण लोग कम आ रहे हैं, मगर ज्यादा किताबें ले जाते हैं, ताकि उन्हें दोबारा न आना पड़े। शहर में किताब पढ़ने को लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी है। कोरोना के कारण जरूर व्यापार पर थोड़ा असर पड़ा है, मगर फिर भी उम्मीद है कि लोग किताबों से अपना प्यार नहीं छोड़ेंगे।
पीजी-होस्टल में रहने वाले स्टूडेंट के जाने से नुकसान
ओल्ड बुक मार्केट -15 एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी संदीप कुमार ने कहा कि पीजी-होस्टल के स्टूडेंट अकसर सेकेंड हैंड नॉवल या किताबें ले जाते थे। मगर उनके जाने से कारोबार पर काफी फर्क पड़ा है। उम्मीद है कि जल्द ही कॉलेज-यूनिवर्सिटी खुलेंगी तो ये स्टूडेंट दोबारा आएंगे। अभी एकेडमिक की ही मार्केट है। मगर नॉन एकेडेमिक के लिए पाठक कम ही पहुंच रहे हैं।
94 फीसद स्टूडेंट्स ने पढ़ी अॉनलाइन किताबें
लॉकडाउन में पंजाब यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सोशल वर्क विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर गौरव गौड, एमसीएम कॉलेज-36 रिसर्च सेंटर की सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर कोमिल त्यागी और पीजीआइ के सामुदायिक चिकित्सा और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ विभाग की साइंटिस्ट डॉ. मीनाषी शर्मा ने सर्वे किया। जिसमें सामने आया कि 94 फीसद स्टूडेंट्स ने इंटरनेट पर ऑनलाइन किताबें पढ़ी है।