कोविड-19 वार रूम के योद्धा
प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने गवर्नर हाउस में ही अपना वार रूम बना लिया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर से कोरोना को भगाने के लिए जो युद्ध छेड़ा गया है उसके लिए प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने गवर्नर हाउस में ही अपना वार रूम बना लिया है। जिसमें प्रशासन के अहम और सीनियर अधिकारी शामिल हैं। ये अधिकारी प्रतिदिन दो घंटे प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को शहर में कोरोना की स्थिति, लोगों को उपलब्ध होने वाली सुविधाएं और उनको हो रहे परेशानियों पर चर्चा करते हुए प्लान तैयार करते हैं। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर
इस समय प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का पूरा फोकस कोरोना को फैलने से रोकने और शहरवासियों की समस्याएं दूर करने पर है। प्रशासक समय-समय पर खुद भी गवर्नर हाउस से निकलकर स्थिति का जायजा लेते हैं। गवर्नर हाउस में बैठकर भी प्रशासक अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं। लोगों की दिक्कतें दूर करने के लिए जो प्लान बनाया जाता है, उसे अधिकारियों को फोन करके रिव्यू करते रहते हैं। सलाहकार मनोज परिदा
कोरोना से निपटने और लोगों की दिक्कतें दूर करने के लिए जो प्लान बनता है, उसे पूरी तरह से लागू करवाने का दारोमदार सलाहकार मनोज परिदा पर है। कोरोना वायरस के बाद कर्फ्यू के दौरान शहर में दहशत कम करने और लोगों में शांति बनाए रखने के सलाहकार खुद सामने आए। प्रशासन की ओर से दी जाने वाली राहत के साथ लोगों के सवालों का जवाब खुद ट्विटर पर दे रहे हैं। कमिश्नर केके यादव
कमिश्नर केके यादव पर प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को काफी विश्वास है। इसलिए शहर के हर व्यक्ति के पास सब्जी, फल और दूध की सप्लाई पहुंचे, यह अहम काम कमिश्नर को सौंपा गया है। कमिश्नर केके यादव इसकी सप्लाई के लिए खुद सुबह चार बजे सेक्टर-26 मंडी पहुंच जाते हैं। अपने सामने सीटीयू बसों में सब्जी, फल और राशन को भरवाते हैं। कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को क्वारंटाइन करवाने की जिम्मेदारी कमिश्नर पर ही है। डीसी मनदीप बराड़
कर्फ्यू को पूरी तरह से लागू करवाने की जिम्मेदारी डीसी की है। मजदूरों और गरीब लोगों तक निशुल्क में खाना पहुंचे। शहरवासियों को समय-समय पर राहत देने के लिए जो फैसले लागू किए जाते हैं, वह डीसी की ओर से ही किए जाते हैं। यहां तक कि अहम कामों के लिए लोगों के पास बनवाने की जिम्मेदारी भी डीसी के पास ही है। स्वास्थ्य निदेशक जी दीवान
कोरोना वायरस के आने वाले संदिग्ध मरीजों की तलाश करके उनका इलाज करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य निदेशक जी दीवान की है। शहर की सरकारी डिस्पेंसरी और सेक्टर-16 अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों के बीच वायरस को भगाने के लिए तालमेल बनाए रखते हैं। प्रतिदिन शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था की रिपोर्ट प्रशासक को देते हैं। पीजीआइ निदेशक डॉ. जगत राम
कोरोना वायरस के आने वाले मरीज और संदिग्ध मरीजों का इलाज सही तरीके से करवाने की जिम्मेवारी पीजीआइ निदेशक जगत राम की है। पीजीआइ के निदेशक डॉ. जगत राम केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संपर्क में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की निर्देश भी समय-समय पर प्रशासक को बताते हैं। डीजीपी संजय बेनिवाल
कर्फ्यू को लागू करवाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से डीजीपी संजय बेनिवाल पर है। इस बीच कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वह पुलिस विभाग के हर अधिकारी के संपर्क में रहते हैं। वह खुद भी निरीक्षण करने के लिए फील्ड में निकल जाते हैं। इस समय भूखे लोगों को भी पुलिस की ओर से डीजीपी के आदेश पर खाना खिलाया जा रहा है।