Mahashivratri 2020: महाशिवरात्रि पर शनि-शुक्र बनाएंगे महायोग, मिलेगा विशेष लाभ
Mahashivratri 2020 शिव की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है जिसमें शिव-पार्वती की पूजा श्रेष्ठ रहेगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। इस बार महाशिवरात्रि के दिन कई तरह के शुभ संयोग बन रहे हैं। कई साल बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ महायोग बनने जा रहा है। महाशिवरात्रि पर शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में तो शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में मौजूद रहेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। साल में आने वाली सभी शिवरात्रियों में से इस शिवरात्रि का खास महत्व माना गया है। इस साल महाशिवरात्रि शुक्रवार 21 फरवरी को मनाई जाएगी। क्योंकि इसी दिन शाम पांच बजकर 20 मिनट के बाद से चतुर्दशी तिथि लग जा रही है और शिवरात्रि की पूजा रात में ही की जाती है। इस लिहाज से 21 फरवरी को ही ये पर्व मनाना उचित रहेगा।
क्यों खास है इस बार की महाशिवरात्रि
सेक्टर-7 सी स्थित सनातन धर्मा मंदिर के आचार्य सीताराम पांडेय ने बताया कि कई साल पहले ऐसा संयोग बना था। इसके अलावा शनि और चंद्रमा मिलकर शश योग बना रहे हैं। इस संयोग में शिव की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है जिसमें शिव-पार्वती की पूजा श्रेष्ठ रहेगी।
शिव के साथ विष्णु जी की भी पूजा
पंचकूला स्थित श्रीमाता मनसा देवी गुरुकूल के ज्योतिषाचार्य विजय मानव ने बताया कि ब्रहमावैवर्त पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन अगर शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाए तो दोनों भगवान की कृपा मिल जाती है। महाशिवरात्रि के दिन पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाएं फिर पचांमृत (दूध, घी, दही, शहद और शक्कर) अर्पित करें फिर दुध से स्नान कराएं। फिर जल से शिवलिंग का स्नान कराएं। शिवलिंग को चंदन का तिलक करें, बेलपत्र फल फूल अर्पित करें। एक घी का दीपक जला दे। ओम नम: शिवाय मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें। महाशिवरात्रि के दिन 8 पहर की पूजा अगर सच्चे मन से की जाए और वर्त रखा जाए तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
कुंडली में काल सर्प योग हैं तो करें यह उपाय
जिनकी जन्म कुंडली में काल सर्प योग है या पित्र दोष है वो इस दिन बिल्व पत्रों पर ओम नम: शिवाय चंदन से लिखें। पान सुपारी अगर तगर इलायची केसर युक्त पंचमेवा से पूजा करें। तांबे के व चांदी के नाग नागिन के जोड़ी अर्पित करें। काले तिल भी चढ़ाए। संभव हो तो रुद्राभिषेक करें या योग्य पंडित से करवाए।
अपनी राशि के अनुसार मंतर जाप करें
मेष: ओम विशवरूपाए नम:।
वृषभ: ओम उपेन्द्र नम:।
मिथुन: ओम अनताय नम:।
कर्क: ओम दयानिधि नम:।
सिंह: ओम जयोतिरादितय नम:।
कन्या: ओम अनिरुद्धाय नम:।
तुला: ओम हिरण्यगर्भाय नम:।
वृश्चिक: ओम अचयुताय नम:।
धनु: ओम जगतगुरुवे नम:।
मकर: ओम अजंनाय नम:।
कुंभ: ओम अनादिय नम:।
मीन: ओम जगन्नाथाय नम:।
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