चालान पर जजों के फर्जी सिग्नेचर की हो सकती है सीबीआइ जांच, इसी हफ्ते आएगी रिपोर्ट Chandigarh News
चालान के रेट के तहत शहर में कटे वाहनों के चालान के बाद जिला अदालत के छह जजों के फर्जी सिग्नेचर कर रिलीज करने के मामले की रिपोर्ट इसी हफ्ते अाएगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत बढ़े चालान के रेट के तहत शहर में कटे वाहनों के चालान के बाद जिला अदालत के छह जजों के फर्जी सिग्नेचर कर रिलीज करने के मामले की रिपोर्ट इसी हफ्ते आ सकती है। माना जा रहा है कि मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी जा सकती है।
मामले में कई वकीलों, कोर्ट स्टॉफ और मुंशी के मिले होने की आशंका जताई जा रही है। इस फर्जीवाड़े से सरकार को लाखों का नुकसान हुआ है। अभी तो सिर्फ सामने 60 चालान ही ऐसे आए हैं जिन पर जजों के फर्जी सिग्नेचर मिले हैं, लेकिन आशंका है कि इससे भी ज्यादा चालानों को ऐसे ही रिलीज किया गया हो।
चालानों को रिलीज करने के लिए नकली रिलीज प्रोफार्मा भी तैयार
बताया जा रहा है कि इन चालानों को रिलीज करने के लिए नकली रिलीज प्रोफार्मा भी तैयार किया हुआ था, जिस पर जजों के हस्ताक्षर कर चालान रिलीज किए जाते थे। यह सब कोर्ट के स्टाफ सदस्यों की मिलीभगत से चल रहा था। इसी वजह से संबंधित कोर्ट के स्टाफ मेंबर्स को दूसरी कोर्ट में भी शिफ्ट किया गया है। वहीं चालानों को रिलीज कर सारा पैसा सरकारी खाते में जाने की बजाय आरोपितों के पास जा रहे हैं।
चालान का रेट बढ़ाया
बता दें कि पिछले साल अगस्त महीने में नए एमवी एक्ट के तहत ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ जो चालान बनाया जाता है उस चालान का रेट बढ़ा दिया गया था।इसके बाद कोर्ट से उन चालानों को निकलवाने के लिए कोर्ट मेंबर्स,वकीलों और मुंशी के अलावा और लोगों के द्वारा जजों के फर्जी सिग्नेचर कर चालान रिलीज करने का मामला सामने आया था। वहीं तब सीजेएम जज ने चालान रिलीज करने की व्यवस्था को बदल दिया था। इसके साथ ही कोर्ट मेंबर्स को दूसरी कोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया था। तब नवंबर महीने में दस दिनों के केवल 60 रिलीज किए चालानों के बारे में ही पता चला था।
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के भी शामिल होने की आशंका
इसके बाद किसी ने पंजाब एंड हरियाणा होई कोर्ट को इसके बारे में जानकारी दी। हाई कोर्ट ने इसके बाद डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज प्रमजीत सिंह को मामले की जांच करने के आदेश दिए। इसके बाद जज प्रमजीत सिंह ने मामले की जांच करने के आदेश सीबीआइ की स्पेशल अदालत के जज सुशील कुमार गर्ग को दिए। वहीं मामले में ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि चालान रिलीज होने के बाद चालान आर्डर ट्रैफिक चालान में जाने के बाद कोर्ट से दोबारा इसके बारे में कंफर्म किया जाता है।