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चार सेक्टरों के पब्लिक टॉयलेट्स होंगे स्मार्ट, बाकी 296 का अता-पता नहीं

सेक्टर-17 22 35 और 43 के पब्लिक टॉयलेट्स स्मार्ट बनाए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 10:46 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 10:46 PM (IST)
चार सेक्टरों के पब्लिक टॉयलेट्स होंगे स्मार्ट, बाकी 296 का अता-पता नहीं
चार सेक्टरों के पब्लिक टॉयलेट्स होंगे स्मार्ट, बाकी 296 का अता-पता नहीं

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-17, 22, 35 और 43 के पब्लिक टॉयलेट्स स्मार्ट बनाए जाएंगे। यह काम स्मार्ट सिटी के तहत होगा जिसके लिए टेंडर निकाल दिया गया है। 18 फरवरी तक इच्छुक कंपनियों को आवेदन करना है। इसी दिन दोपहर साढे़ तीन से लेकर साढे़ चार बजे तक टेक्निकल बिड खोली जाएगी। 4.42 करोड़ रुपये की लागत से पब्लिक टॉयलेट्स रेनोवेट करने के लिए टेंडर निकाला गया है। मालूम हो कि स्मार्ट सिटी के तहत उक्त चार सेक्टरों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम होने हैं। वहीं, इस समय शहर के सभी पब्लिक टॉयलेट्स की खस्ता हालत है। जिसका कोई भी निर्णय नगर निगम नहीं कर पा रहा है। खस्ता है नगर निगम की वित्तीय हालत

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नगर निगम की वित्तीय हालत खस्ता है, इसलिए शहर के अन्य टॉयलेट्स को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। यहां तक कि पिछले चार साल से नगर निगम शहर के सभी पब्लिक टॉयलेट्स का आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) तय नहीं कर पा रहा है। इसी कारण पिछले साल चंडीगढ़ स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ गया था। पूरे शहर में 300 पब्लिक टॉयलेट्स

पूरे शहर में 300 पब्लिक टॉयलेट्स हैं। जिन चार सेक्टरों के पब्लिक टॉयलेट्स का रेनोवेशन किया जाएगा, उसका खर्चा स्मार्ट सिटी के तहत किया जाएगा। बाकी बचे 296 पब्लिक टॉयलेट्स की खस्ता हालत सुधारने का काम कब शुरू होगा, इसका कोई अता-पता नहीं है। पीपीपी मॉडल पर हो सकते हैं टॉयलेट्स रेनोवेट

स्मार्ट सिटी के तहत चार सेक्टरों में 38 पब्लिक टॉयलेट्स हैं जिन्हें रेनोवेट किया जाएगा। कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि इन चार सेक्टरों के ही नहीं बल्कि पूरे शहर के 300 टॉयलेट्स बिना सरकारी फंड के रेनोवेट हो सकते हैं। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर नगर निगम को पीपीपी मॉडल पर पब्लिक टॉयलेट्स को रेनोवेट और रखरखाव करने के लिए कह चुके हैं लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने भी इस मॉडल पर पब्लिक टॉयलेट्स रेनोवेट करने के लिए पत्र लिखा है। लेकिन कोई जवाब नहीं आया। स्मार्ट सिटी के तहत हाल ही में पीपीपी मॉडल पर पब्लिक बाइक शेयरिग प्रोजेक्ट अलॉट किया गया है तो शहर के पब्लिक टॉयलेट्स को रेनोवेट करने का भी टेंडर पीपीपी मॉडल पर होना चाहिए।


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