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स्टार्टअप्स के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण बारे किया जागरूक

भारत सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के निर्देशानुसार बौद्धिक संपदा अधिकारों बारे किया जागरूक।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 10:36 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:07 AM (IST)
स्टार्टअप्स के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण बारे किया जागरूक
स्टार्टअप्स के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण बारे किया जागरूक

जागरण संवाददाता, मोहाली : भारत सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के निर्देशानुसार बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्व तथा उसके लाभ एवं विकसित देशों द्वारा लागू प्रौद्योगिकी, नवाचार और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए मोहाली स्थित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआइ) में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आइपीआर बौद्धिक अधिकार सरंक्षण, स्टार्टअप के लिए अपने उद्यम को पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और पंजीकरण के माध्यम से मूल्य प्रदान करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आइपीआर के साथ स्टार्टअप्स को काफी फायदा होगा। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्टार्टअप कमेटी के को चेयरमैन डीपी गोयल ने कहा कि चैंबर द्वारा शुरू से ही नीति निर्माण के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई गई है। उन्होंने कहा कि इनोवेटिव स्टार्टअप नियमित आधार पर नई चीजों का अविष्कार कर रहे हैं। इस अवसर पर बोलते हुए पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के सलाहकार एवं पूर्व एनएसआइसी के पूर्व सह प्रबंध निदेशक डॉ. एचपी कुमार ने कहा कि बौद्धिक संपदा स्टार्टअप्स की सबसे मूल्यवान संपत्ति है और इसमें मूल्य के मामले में पेटेंट प्रमुख होते हैं। राजेश कुमार मीणा एक्जामिनर कि कंट्रोलर जनरल पेटेंट्स, डिजाइन और ट्रेड मार्क भारत सरकार ने अपने संबोधन में बताया कि कैसे वह बौद्धिक संपदा अधिकारों के पंजीकरण में लोगों की मदद कर रहे हैं। पेटेंटिंग प्रणाली को विस्तार से समझाया

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उन्होंने पेटेंट अधिनियम के तहत किए गए विभिन्न संशोधनों पर प्रकाश डालते हुए भारत में पेटेंटिग प्रणाली पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। पंजाब इंफोटेक के उपमहाप्रबंधक सुनील चावला ने सरकार के द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न प्रोत्साहनों और योजनाओं की जानकारी साथ पंजाब के लिए स्टार्टअप और आइपी पंजीकरण की जरूरत के बारे में बताया। पीएचडी चैंबर के पंजाब स्टार्टअप कमेटी के सह अध्यक्ष परम कालरा ने अपने संबोधन में कहा कि एमएसएमई को बौद्धिक अधिकार संरक्षण के दो अहम लाभ है, एक की वह अपनी रचनाओं की रक्षा कैसे कर सकते हैं। इस बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 100 स्टार्टअप और उद्यमियों ने काफी जिज्ञासा से भाग लिया और बौद्धिक संपदा सरक्षण की बुनियादी बातों की समझ ग्रहण की।


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