Move to Jagran APP

किसानों की आय दोगुणा करने के मुद्दे पर अफसरों में छिड़ी बहस, बैंकों व विभागों में एक राय नहीं

स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक में किसानों को सहायक धंधों में ले जाने के लिए बैंकों और विभागों में एक राय नहीं बन रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 11:00 AM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 02:00 PM (IST)
किसानों की आय दोगुणा करने के मुद्दे पर अफसरों में छिड़ी बहस, बैंकों व विभागों में एक राय नहीं
किसानों की आय दोगुणा करने के मुद्दे पर अफसरों में छिड़ी बहस, बैंकों व विभागों में एक राय नहीं

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2022 तक किसानों की आय को दोगुणा करने का दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर जमीनी हकीकत यह है कि ऐसा करने के लिए किसानों को सहायक धंधों में ले जाने के लिए बैंकों और विभागों में एक राय नहीं बन रही है। इसका उदाहरण स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की 151वीं मीटिंग में देखने को मिला। किसानों की आय दोगुणा करने को लेकर बैंक व विभागीय अफसरों में जोरदार बहस हुई।

loksabha election banner

डायरेक्टर डेयरी डेवलपमेंट इंद्रजीत सिंह ने कहा कि सहायक धंधों को बढ़ाने के लिए छोटे व बड़े डेयरी फार्मों को लोन देने की अलग-अलग योजनाएं होनी चाहिए। इसके लिए व्यापक नीति बनाने की जरूरत है। पिछले दो-तीन सालों से दूध के दामों में गिरावट आने से कई डेयरी फार्म बंद हो गए। अब नए के लिए बैंक केस रिजेक्ट कर रहे हैं। इस पर बैंकों के अधिकारियों ने कहा कि एनपीए बढ़ रहा है।

नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर जेपीएस बिंद्रा ने कहा कि उपभोक्ताओं को सिंथेटिक दूध मिल रहा है, विभागों का इस पर कोई कंट्रोल नहीं है। पंजाब की स्पेशल सेक्रेटरी फाइनांस ने पटरी से उतर रहे मुद्दे को संभालते हुए कहा कि यह सही नहीं है कि अगर सहायक धंधों के काम प्रभावित हो रहे हैं तो 2022 तक किसानों की आय दोगुणा करने की योजना को धक्का लगेगा।

पंजाब नेशनल बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. आरके यदुवंशी ने कहा कि इस योजना को पीएमओ स्तर से मॉनीटर किया जा रहा है। उन्होंने एसएलबीसी के अधिकारियों से पिछले समय में पारित किए गए केस, उनकी मौजूदा स्थिति और एनपीए वाले केसों की पूरी रिपोर्ट मांगी। साथ ही उन्होंने एक सब कमेटी बनाने का भी आदेश दिया।

बैंक मैनेजर को डोप टेस्ट से छूट देने की उठी मांग

बैंकों के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी को अगर लाइसेंस रिव्यू करवाना है तो बैंक के मैनेजर को अपना डोप टेस्ट करवाना होगा। जी हां, यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह सच है। बैंकर्स कमेटी की मीटिंग में बैंक अधिकारियों ने पंजाब सरकार से मैनेजर को डोप टेस्ट से छूट देने की मांग की। दरअसल गन का लाइसेंस बैंकों में मैनेजर के नाम पर होता है। पंजाब सरकार ने निर्देश दिए हैं कि जिस व्यक्ति को भी गन का लाइसेंस रिन्यू करवाना है उसका डोप टेस्ट जरूरी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.