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गोल्ड मेडलिस्ट बेटी ने भर दी मेडलों से झोली, आर्थिक तंगी बन रही सपनाें की उड़ान में बाधा

आर्थिक तंगी से लड़ते हुए पिता ने भी बेटी के लिए लोन और दोस्तों से उधार लेकर खेल को जारी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बेटी ने भी मेहनत के पसीने से घर में मेडलों का ढेर लगा दिया।

By Edited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 07:39 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 09:37 AM (IST)
गोल्ड मेडलिस्ट बेटी ने भर दी मेडलों से झोली, आर्थिक तंगी बन रही सपनाें की उड़ान में बाधा
गोल्ड मेडलिस्ट बेटी ने भर दी मेडलों से झोली, आर्थिक तंगी बन रही सपनाें की उड़ान में बाधा

चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। अभिनेता आमिर खान की समाज की सोच बदलने वाली सुपरहिट फिल्म दंगल ने बेटियों की प्रतिभा को नई दिशा दी है। अमीर हो या गरीब सभी अभिभावक बेटियों में अपने सपनों को जीने लगे हैं। चंडीगढ़ शहर की होनहार बेटी इंटरनेशनल लेवल पर देश और पिता के सपने को पूरा करने के लिए जी जान से तैयारी में जुटी है।

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आर्थिक तंगी से लड़ते हुए पिता ने भी बेटी के लिए लोन और दोस्तों से उधार लेकर खेल को जारी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बेटी ने भी मेहनत के पसीने से घर में मेडलों का ढेर लगा दिया। पिता मुनी लाल इस उम्मीद में हैं कि बेटी एक दिन इंटरनेशनल लेवल पर देश का नाम रोशन करेंगी।

सेक्टर-52 के छोटे से घर में परिवार के साथ रहने वाली आर्चरी की नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट अंशु यादव के ढेरों मेडल उसकी उपलब्धियों को खुद बयां करते हैं। लेकिन आर्चरी के इक्यूपमेंट के पैसों की कमी इस उभरती खिलाड़ी के लिए बाधा बन गई है। रिटायर पिता के पास इतने पैसे नहीं कि खर्च को उठा सकें। विशेष बातचीत में अंशु ने कहा इतने साल तक पिता ने उधार के पैसों से खेल को जारी रखा। किसी स्पांसर से मदद मिले तो करियर को आगे बढ़ा पाउंगी।

स्टेट और नेशनल में 27 मेडल जिसमें 11 गोल्ड

अंशु यादव ने आर्चरी में स्टेट और नेशनल लेवल पर कुल 27 मेडल हासिल किए हैं जिनमें से 11 गोल्ड मेडल हैं। जीसीजी-42 में ग्रेजुएशन करते हुए फिजिकल एजुकेशन प्रोफेसर रामनिवास ने प्रतिभा को पहचाना। 2013 से अंशु हर साल मेडल हासिल कर रही हैं। पांच से नौ फरवरी वड़ोदरा (गुजरात) में आयोजित नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया है। स्कूल लेवल पर बॉक्सिंग में भी अंशु ने एक साल में ही दो गोल्ड जीते और फिर वालीबॉल में भी चार पर नेशनल खेली और स्टेट लेवल पर गोल्ड हासिल किया है।

नेशनल लेवल प्रतियोगिता में अाता है 30 से 40 हजार खर्च 

नेशनल लेवल प्रतियोगिता में 30 से 40 हजार खर्च आता है। खेल को आगे बढ़ाने के लिए पीयू स्थित अंकुर स्कूल में फिजिकल एजुकेशन टीचर के तौर पर ज्वाइन किया लेकिन प्रेक्टिस और इक्यूपमेंट के लिए पैसा काफी नहीं है। 2019 में इंडोनेशिया में व‌र्ल्ड मास्टर गेम्स के लिए चयन हुआ लेकिन फंड नहीं होने के कारण पहला इंटनरेशनल टूर्नामेंट भी नहीं खेल सकी। हाल ही में नेशनल चैंपियनशिप में जीत के बाद अंशु यादव को 2021 में जापान में व‌र्ल्ड गेम्स में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।

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