पीयू कैंपस में खरीदी साइकिल बनी शो पीस
पंजाब यूनिवर्सिटी में साइकिल को प्रमोट करने के लिए पीयू प्रशासन द्वारा हाल ही में नई साइकिलें खरीदी गई थीं लेकिन यह साइकिलें कैंपस के हॉस्टल्स में खड़ी धूल फांक रही हैं।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़
पंजाब यूनिवर्सिटी में साइकिल को प्रमोट करने के लिए पीयू प्रशासन द्वारा हाल ही में नई साइकिलें खरीदी गई थीं, लेकिन यह साइकिलें कैंपस के हॉस्टल्स में खड़ी धूल फांक रही हैं। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा है जब साइकिलों का प्रयोग ही नहीं करना था, तो उसे खरीदा क्यों?
पीयू प्रशासन ने कैंपस में साइकिल के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए पहल तो की, लेकिन इस मामले में गंभीरता अब नजर नहीं आ रही है। जिस वजह से कैंपस में साइकिलें सिर्फ शो पीस बनकर रह गई हैं।
पीयू प्रशासन द्वारा 240 नई साइकिलों को खरीदने के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए। उसके बावजूद साइकिलों का प्रयोग न होने से पीयू प्रशासन के फैसले की निदा हो रही है। साइकिलों के संचालन के लिए नहीं बना एप
जानकारी के अनुसार पंजाब विश्वविद्यालय में साइकिलों के संचालन के लिए मोबाइल एप बनाया जाना था, लेकिन वह भी अभी तक नहीं बन सका है। एप बनाने में तीन लाख रुपये तक का खर्च आना है। उस समय यह भी बात की गई थी कि साइकिलों पर लगाए गए नंबर के आधार पर विद्यार्थियों को यह आवंटित की जाएगी। यदि साइकिल कैंपस से बाहर जाएंगी तो विद्यार्थियों को उनकी क्लास आइडी के आधार पर पकड़ा जा सकेगा और कंट्रोलिग आसानी से हो सकती है। ज्यादातर स्टूडेंट्स कर रहे हैं साइकिल चलाने से परहेज
केवल इक्का-दुक्का स्टूडेंट्स ही कैंपस में साइकिल का प्रयोग कर रहे हैं। आलम यह है कि साइकिल को प्रमोट करना एक सपना ही बना हुआ है। पीयू के हॉस्टल्स में करीब 160 साइकिलें बांटी गई थीं, जो हॉस्टल्स की पार्किंग में खड़ी हैं। नई साइकिलें खरीदने की हो रही है प्लानिग
सूत्रों के अनुसार पीयू प्रशासन आने वाले समय में सौ के करीब साइकिलें खरीदने की प्लानिग कर रहा है। इसको लेकर एक बैठक भी हो चुकी है, जिसमें साइकिलों की खरीद को लेकर सहमति भी बन चुकी है। ऐसे में पुरानी साइकिलों का प्रयोग कम होने के बाद भी नई साइकिलों को खरीदने की बात समझ से परे है। जाहिर है कैंपस में साइकिल को प्रमोट करने के लिए पीयू के आला अधिकारियों को पहल करनी होगी।