ड्राइवर, मालिक व बीमा कंपनी को ठहराया मौत का जिम्मेदार
सड़क हादसे में एडिशनल डायरेक्टर सीजीएचसी केंद्रीय सदन सेक्टर नौ में तैनात क्लर्क की मौत के बाद ठहराया जिम्मेदार।
जागरण संवाददाता, मोहाली : सड़क हादसे में एडिशनल डायरेक्टर सीजीएचसी केंद्रीय सदन सेक्टर नौ में तैनात क्लर्क की मौत के बाद मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल मोहाली ने हादसे का जिम्मेदार ठहराते हुए ड्राइवर, मालिक व बीमा कंपनी को मृतक के परिजनों को 38.50 लाख रुपये क्लेम देने के निर्देश दिए हैं। ट्रिब्यूनल की अध्यक्षता एडिशनल जिला व सेशन जज रजनीश गर्ग ने की। वाहन के मालिक निर्मल सिंह, ड्राइवर गुरविदर सिंह दोनों निवासी गांव स्नेटा व यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को मुआवजे की रकम साझे तौर पर अदा करने के निर्देश दिए हैं। जिसे नौ फीसद ब्याज सहित देना होगा। जिक्रयोग है कि मृतक परविदर सिंह के परिजन दलजीत कौर व उसके नाबालिग बेटे निवासी डेराबस्सी ने यह याचिका दायर की थी। दावे की पटीशन में कहा गया था कि तीन फरवरी 2019 को परविदर सिंह अपने भाई जसविदर सिंह के साथ कुछ घरेलु सामान खरीदने के लिए डेराबस्सी बाजार गए थे। जब वह पैदल अपने घर वापिस आ रहे थे तो पाबला टेंट हाउस के नजदीक मारुति ऑल्टो कार ने परविदर को टक्कर मार दी थी। डेराबस्सी अस्पताल में कराया था भर्ती
जख्मी परविदर को तुरंत सिविल अस्पताल डेराबस्सी ले जाया गया, जहां उसको मृतक घोषित कर दिया गया था। पुलिस ने मृतक के भाई जसविदर सिंह की शिकायत पर धारा 279 व 304 के तहत डेराबस्सी थाने में मामला दर्ज किया था। मृतक परविदर सिंह 36 साल का था और सीडीएचसी के एडिशनल डायरेक्टर केंद्रीय सदन सेक्टर-9 चंडीगढ़ के दफ्तर में क्लर्क के तौर पर काम करता था। परिवार ने बताया कि इसके अलावा परविदर इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 चंडीगढ़ में एक निजी फैक्ट्री में कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर भी काम करता था। हादसे के बाद कार मालिक निर्मल सिंह, ड्राइवर गुरविदर सिंह व यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने हादसे के होने से इंकार किया था। उन्होंने कहा कि क्लेम लेने के चक्कर में शिकायतकर्ता ने मिलिभुगत कर झूठा हादसा बनाया है। जिसे मृतक के परिजनों ने चैलेंज किया था।