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20 जेसीबी, पांच हेड्रेज मशीनें, तीन एनडीआरएफ की टीमें रेसक्यू ऑपरेशन में जुटीं

जिस बिल्डिंग में हादसा हुआ वहां अंबिका ग्रुप ने अपना दफ्तर बना रखा था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:14 AM (IST)
20 जेसीबी, पांच हेड्रेज मशीनें, तीन एनडीआरएफ की टीमें रेसक्यू ऑपरेशन में जुटीं
20 जेसीबी, पांच हेड्रेज मशीनें, तीन एनडीआरएफ की टीमें रेसक्यू ऑपरेशन में जुटीं

संदीप कुमार, मोहाली : अंबिका ग्रुप रियल एस्टेट का काम करता है जिसका मालिक प्रवीन कुमार जोकि शिवालिक सिटी में रहता है। जिस बिल्डिंग में हादसा हुआ, वहां अंबिका ग्रुप ने अपना दफ्तर बना रखा था। इस दफ्तर में 11 मेंबरों का स्टाफ है। मौके से मिली जानकारी अनुसार इस बिल्डिंग के ठीक पीछे अंबिका ग्रुप होटल बना रहा है जहां बेसमेंट बनाया जा रहा है। वहां कुछ लेबर व जेसीबी ऑपरेटर काम कर रहे थे। तीन मंजिला बिल्डिंग के नीचे भी बेसमेंट थी और उसके पीछे भी बेसमेंट के लिए खुदाई का काम चल रहा था। बताया जा रहा है कि जब एक बेसमेंट के ठीक सामने दूसरी बेसमेंट बनाई जाती है तो दोनों के बीच 10 फुट का गैप रखना जरूरी होता है लेकिन काम बिल्कुल उसके उलट हुआ। 10 फुट गैप रखने की जगह तीन मंजिला बिल्डिंग व उसके ऊपर लगाए गए दो टावर के नीचे पांच फुट अंदर की मिट्टी को बाहर निकाल दिया गया जिस कारण वजन अधिक होने के कारण बिल्डिंग नीचे धंस गई और बिल्डिंग में काम कर रही लेबर व जेसीबी मशीन पर आकर गिर गई। प्रशासन ने डेढ़ घंटे बाद टीमें बुलाई

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घटना 12.35 दोपहर को घटी। करीब डेढ़ घंटे बाद प्रशासन ने एनडीआरएफ को सूचना दी। सूचना मिलते ही पिजौर से टीम कमांडर गोबिद सिंह भाकुनी रेस्क्यू टीम को लेकर खरड़ पहुंचे। टीम में 25 मेंबर थे। उसके ठीक आधे घंटे बाद दूसरी एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को बुलाया गया जिसमें स्नीफर डॉग भी साथ लाए गए। तीसरी टीम कमांड यूनिटी बठिडा से शाम छह बजे पहुंची। जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज किया गया। प्रशासन के इंतजाम रहे नाकाफी

हालांकि मलबा उठाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई बंदोबस्त नहीं किया गया था। लोगों के मलबे के नीचे दबे होने के कारण पांच गांवों के लोग मदद के लिए पहुंचे थे। गिल्को वैली की ओर से पर्सनल जेसीबी मशीनें भेजी गई थी। 20 जेसीबी, पांच हेड्रेज मशीनें, 12 एबुलेंस व सिविल अस्पताल खरड़, सिविल अस्पताल मोहाली के माहिल डॉक्टरों की टीम मौकास्थल पर मौजूद थी। रात होने पर गांव के लोगों की मदद से एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम की मदद के लिए लाइटों का बंदोबस्त किया गया। वहीं, बिस्कुट, खाना व पीने के पानी की पेटियां कुछ-कुछ घंटों बाद पहुंचाई गई। पहले गांव वालों की लेते रहे मदद फिर अचानक भगा दिया

हादसे के बाद से पूरे जिले के पुलिस मुलाजिमों की ड्यूटी जाम को हैंडल करने व लोगों की भीड़ को काबू करने के लिए जुटा दी गई थी। डेढ़ घंटे तक एनडीआरएफ की टीम के पहुंचने से पहले प्रशासन गांव के लोगों की मदद से मलबा उठाने का काम लेता रहा लेकिन एनडीआरएफ की टीम पहुंचते ही गांववालों को डंडों से खदेड़ दिया गया। लेकिन भावुक गांव वालों ने साहस नहीं छोड़ा और हरसंभव मदद करते रहे। एसडीएम खरड़ हिमांशु जैन को ईओ संदीप कुमार को अंबिका ग्रुप के सभी प्रोजेक्ट की डिटेल और बेसमेंट खोदने के लिए परमिशन की जानकारी लेने को कहा गया है। फिलहाल हमारा मकसद लोगों की जान बचाना है। लेकिन जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

-गिरीश दयालन, डीसी


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