215 ट्रेनों से गए 2.80 लाख श्रमिक, नए फैसले के बाद बढ़ेगी पंजाब से जाने वाली ट्रेनों की संख्या
पंजाब से पंद्रह दिनों में 215 ट्रेनों से 2.80 लाख श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है। नए फैसले के बाद ट्रेनों की संख्या और बढ़ेगी।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। केंद्र सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल चलाने के लिए राज्यों की अनुमति न लेने के बाद ट्रेनों की संख्या बढ़ना तय है। पंजाब के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम सतीश चंद्रा व नोडल अधिकारी विकास प्रताप ने बताया कि इस प्रोटोकॉल में बदलाव से पैदल जा रहे श्रमिकों को रोका जा सकेगा और उन्हें आराम से गाड़ी में भेजा जाएगा। पंजाब से मंगलवार को रिकॉर्ड 25 ट्रेनें एक ही दिन में पंजाब से अन्य राज्यों के लिए रवाना हुई हैं। पंद्रह दिनों में 215 ट्रेनों से 2.80 लाख श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है।
गत दिवस 16वें दिन स्पेशल ट्रेनों से 23,503 श्रमिक घर लौटे। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश व बिहार के श्रमिक शामिल हैं। लुधियाना से सबसे ज्यादा 11 ट्रेनों में 13,200 श्रमिक गए। इनमें उत्तर प्रदेश के हरदोई के लिए दो तथा आजमगढ़, गोरखपुर, उन्नाव, बस्ती, अकबरपुर, फैजाबाद, रायबरेली, जौनपुर तथा बिहार सीतामढ़ी के लिए एक-एक ट्रेन रवाना हुई। प्रत्येक ट्रेन में 1200 श्रमिक गए।
जालंधर से भी छह ट्रेनों में 7200 श्रमिक घर लौटे। इनमें उत्तर प्रदेश के फैजाबाद व गोंडा, बिहार के अररिया व पूर्णिया तथा केरल के तिरुवनंतपुरम के लिए एक-एक ट्रेन रवाना हुई। सभी ट्रेनों में 1200-1200 श्रमिक रवाना हुए। अमृतसर से भी तीन ट्रेनों में 3103 श्रमिक घर लौटे। इनमें छत्तीसगढ़ के चापा के लिए 1200, महाराष्ट्र के मेराज के लिए 703 तथा उत्तर प्रदेश के जौनपुर के लिए 1200 श्रमिक रवाना हुए।
पंजाब को मिला मानवाधिकार आयोग का नोटिस
एक सूटकेस पर अपने बच्चे को लिटाकर पैदल ही अपने गांव लौट रही महिला के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से पंजाब को भेजा गया नोटिस मिल गया है। गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सतीश चंद्रा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य सरकार की ओर से इसका जवाब दे दिया जाएगा। सूटकेस पर लिटाकर धूप में बच्चे को ले जाती महिला की वीडियो काफी वायरल हुई थी।