पेट दर्द हो तो घरेलू नुस्खे अपनाने की बजाय लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह Chandigarh News
पिछले कुछ सालों में पेट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसका मुख्य कारण शराब और बदलता लाइफ स्टाइल है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हार्ट प्रॉब्लम होने पर लोग तत्काल डॉक्टर के पास भागते हैं, लेकिन पेट दर्द में अजवाइन खाकर उसे नजरअंदाज करते हैं। वे अनजाने में ऐसा करके पेट संबंधी मर्ज को बढ़ाने का काम करते हैं। पेट की किसी भी समस्या को ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खे अपनाने की बजाय गैस्ट्रोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। पीजीआइ गैस्ट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. राकेश कोचर व डॉ. उषा दत्ता का कहना है कि पेट संबंधी अनदेखी के कारण लोग गंभीर स्थिति में पीजीआइ पहुंच रहे हैं।
डॉ. उषा ने बताया कि पिछले कुछ सालों में पेट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसका मुख्य कारण शराब और बदलता लाइफ स्टाइल है। खान-पान में बरती जाने वाली लापरवाही पेट के लिए हानिकारक साबित हो रही है। इसके अलावा नशीली दवाएं भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। बार-बार आगाह करने के बावजूद लोग व्यायाम व संतुलित आहार लेने की आदत नहीं डाल पा रहे हैं।
गैस्ट्रो इमरजेंसी में शुरुआती एक घंटे महत्वपूर्ण
प्रो. राकेश कोचर ने बताया कि गैस्ट्रो संबंधी इमरजेंसी मामलों में शुरुआती एक घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। उस दौरान इमरजेंसी में मरीज रेजीडेंट डॉक्टरों की देखरेख में होते हैं। वे सीनियर्स से फोन पर अपडेट लेकर उनका इलाज करते हैं। ऐसी स्थिति से बचाने के लिए ही यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्हें गैस्ट्रो संबंधी विभिन्न मर्ज के इमरजेंसी ट्रीटमेंट की जानकारी दी जाएगी। पीजीआइ ने इसके लिए तीन साल पहले जीआइ लीवर एप भी लॉन्च कर चुका है। उसे और बेहतर बनाने के लिए उसमें नए फीचर शामिल किए गए हैं। उसकी लांचिंग 21 सितंबर को कार्यक्रम के दौरान होगी। उस एप पर गैस्ट्रो संबंधी लगभग 15 तरह की बीमारियों से जुड़ी हर प्रकार की अपडेट उपलब्ध है। इसे और बेहतर करने के लिए ई-बुक भी तैयार किया जा रहा है। जिसमें विश्वभर के विशेषज्ञों द्वारा मंगाई गई जानकारियों को साझा किया जाएगा।
दो दिनों तक चलेगी विशेष इमरजेंसी ट्रीटमेंट ट्रेनिंग
पीजीआइ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की ओर से 21 और 22 सितंबर को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल आपात स्थिति पर दो दिवसीय अपडेट प्रोग्राम का आयोजन किया गया है। जीआइ इमरजेंसी 2019 में देशभर के 250 गैस्ट्रो के एमडी, डीएम स्टूडेंट्स भाग लेंगे। उन्हें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इमरजेंसी ट्रीटमेंट के नए अपडेट देने के लिए एम्स, दिल्ली, एसजीपीजीआइ, जीबी पंत, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
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