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नॉर्दन जोनल काउंसिल में उठेगा पानी, ट्रांसपोर्ट और इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मुद्दा

नॉर्दन जोनल काउंसिल की 29वीं मीटिग शुक्रवार को चंडीगढ़ में होने जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 11:09 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 11:09 PM (IST)
नॉर्दन जोनल काउंसिल में उठेगा पानी, ट्रांसपोर्ट और इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मुद्दा
नॉर्दन जोनल काउंसिल में उठेगा पानी, ट्रांसपोर्ट और इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मुद्दा

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नॉर्दन जोनल काउंसिल की 29वीं मीटिग शुक्रवार को चंडीगढ़ में होने जा रही है। गृह मंत्री अमित शाह यह मीटिग लेने चंडीगढ़ आ रहे हैं। इंडस्ट्रियल एरिया फेज-वन स्थित होटल हयात में होने वाली इस मीटिग को इस बार हरियाणा होस्ट कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री काउंसिल के चेयरमैन हैं तो होस्ट स्टेट यानी हरियाणा के मुख्यमंत्री वाइस चेयरमैन हैं। जोन में शामिल सभी राज्यों के राज्यपाल दो मंत्रियों को सदस्य मनोनीत कर भेजेंगे। जबकि यूटी से प्रशासक प्रतिनिधित्व करेंगे। हरियाणा ही सभी तरह की तैयारियां और व्यवस्था करने में जुटा है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू एंड कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ इस जोन में आते हैं। अब लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने से उसे भी काउंसिल में शामिल कर लिया गया है। हर साल काउंसिल की मीटिग होनी होती है। 2018 में बैठक नहीं हो सकी थी। 28वीं मीटिग भी मई 2017 को चंडीगढ़ में ही हुई थी जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी। गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह का यह पहला चंडीगढ़ दौरा है। इससे पहले वह लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद किरण खेर के लिए प्रचार करने सेक्टर-27 के रामलीला मैदान आए थे। पंजाब और हरियाणा अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे

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इस मीटिग में राज्यों के आपसी मुद्दों पर चर्चा होगी। चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम तय करने, ट्राईसिटी में रिग रोड डेवलप करने पर भी चर्चा होगी। पंजाब और हरियाणा रिग रोड पर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। इससे ट्राईसिटी में ट्रैफिक की समस्या हल होगी। पंजाब यूनिवर्सिटी को मिलने वाली ग्रांट को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी। पंजाब और हरियाणा का पानी विवाद एसवाईएल से हरियाणा को पानी मिलने का एजेंडा भी इसमें शामिल है। साथ ही पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के सीमा विवाद पर भी चर्चा होगी। राज्यों के सीमा संबंधी विवाद, सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे रोड, ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्रीज, वाटर एंड पावर जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा फॉरेस्ट, एनवायरमेंट, हाउसिग, एजुकेशन, फूड सिक्योरिटी, टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट जैसे मामले भी काउंसिल में उठाए जा सकते हैं। अर्बन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी पर चर्चा

ट्राइसिटी में ट्रैफिक अर्बन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी बनाने और उसकी प्लानिग कर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रस्ताव तैयार होना है ।ट्रैफिक कंजेशन कम करने के साथ ही वाहनों के संचालन को बेहतर बनाने के लिए साल 2016 में केंद्र सरकार के साथ तीनों प्रदेशों का एक एग्रीमेंट हुआ था। इसके तहत अर्बन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी पर चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को मिलकर 25-25 करोड़ खर्च करने हैं।


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