करोड़ों की कमाई फिर भी चंडीगढ़ पुलिस के नौ करोड़ रुपये नहीं दे रहा पीसीए Chandigarh News
साल 2011-12 में सिक्योरिटी को लेकर पीसीए पर तकरीबन नौ करोड़ रुपये का बकाया है। इसकी रिकवरी के लिए प्रशासन ने साल 2018 में केस फाइल किया गया।
चंडीगढ़, जेएनएन। पुलिस आम लोगों की सुरक्षा व सहायता के लिए काम करती है। ऐसे आम लोगों की सिक्योरिटी हटाकर खिलाड़ियों की सुरक्षा में पूरा पुलिस अमला लगाया जाए तो इसकी फीस तो बनती है। यह बात डीएसपी सिक्योरिटी अमराव सिंह ने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा चंडीगढ़ पुलिस का बकाया नौ करोड़ रुपये न चुकाने पर कही। उन्होंने कहा कि करोड़ों की कमाई करने वाला पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन यह पैसा देना ही नहीं चाहता है। यही वजह है कि चंडीगढ़ पुलिस ने खिलाड़ियों को किसी तरह की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई है।
गौरतलब है कि साल 2011-12 में सिक्योरिटी को लेकर पीसीए पर तकरीबन नौ करोड़ रुपये का बकाया है। इसकी रिकवरी के लिए प्रशासन ने साल 2018 में केस फाइल किया गया। फिलहाल यह चंडीगढ़ जिला अदालत में चल रहा है। इसके बाद उन्होंने पीसीए के इंटरनेशनल मैचों में खिलाड़ियों को सिक्योरिटी नहीं दी। हालांकि आइपीएल मैचों के दौरान वह सिक्योरिटी देते हैं। 19 सितंबर तक शहर में रुकेगी टीम इंडिया-साउथ अफ्रीका टी-20 सीरीज का दूसरा मैच मोहाली के आइएस बिंद्रा स्टेडियम में खेला जाएगा।
16 सितंबर को धर्मशाला ने दोनों टीमें चार्टर प्लेन से चंडीगढ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंची थी। इस दौरान इन दोनों टीमों को पंजाब पुलिस की तरफ से आइपार्क स्थित होटल में पहुंचाया गया। होटल के अंदर खिलाड़ियों की सुरक्षा होटल प्रबंधन की तरफ से की जा रही है। वहीं, होटल के बाहर की सुरक्षा चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से की जा रही है। होटल की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मी अमराव सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ पुलिस की तरफ होटल की सुरक्षा में पुलिस तैनात की गई है लेकिन खिलाड़ियों को होटल से बाहर घूमने या आने-जाने में किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। यह सुरक्षा इसलिए है क्योंकि इसमें भारत और साउथ अफ्रीका की टीम ठहरी हुई है, ऐसे में डर इस बात का है कि कहीं कोई घटना न हो जाए, जिसका जवाब उन्हें बाद में देना पड़े।
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