एक लड़की और पांच दीवाने
नाटक एक लड़की पांच दीवाने का मंचन रविवार को किया गया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नॉर्थ कल्चर जोन पटियाला की तरफ से चल रहे हंसना मना है नाट्य महोत्सव के तहत नाटक एक लड़की पांच दीवाने का मंचन रविवार को किया गया। नाटक का निर्देशन ज्ञान चंद्र यादव ने किया जबकि इसे सॉफ्ट पावर आर्ट एंड कल्चर रंगमंच ने टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में पेश किया। नाटक का आरंभ 26 मजदूरों से होता है जोकि एक जगह पर इकट्ठे होते है। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। उनके अंदर कई प्रकार के दबी-कुचली भावनाएं होती है। जोकि पूरी नहीं होने पर गलत रूप भी धारण कर लेती है। नाटक में एक लड़की को लीड दिखाया गया है जोकि मालिक की बेटी है। उससे पांच युवक प्यार करते हैं और अपने-अपने तरीके से उसे प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। विडंबना यही होती है कि लड़के गरीब हैं। लड़के हर प्रकार की कोशिश करते हैं कि किसी प्रकार से लड़की उनके वश में आ जाए लेकिन ऐसा होता नहीं है। लड़की अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी अमीर लड़के से शादी कर लेती है। लड़कों का मनोबल टूट जाता है। शादी के बाद जब लड़की वापस मायके में आती है तो लड़के उसे छेड़ते हैं लेकिन उसके बाद लड़की के भाई से मार खाते हैं। समाज की स्थिति को बयां करने की कोशिश
नाटक के बारे में निर्देशक ज्ञान चंद्र यादव ने कहा कि नाटक के जरिये जहां पर सामाजिक और आर्थिक स्थिति को पेश करने की कोशिश की गई है। वहीं, समाज में चल रही असमानता को भी पेश करने का प्रयास किया गया है। नाटक रशियन बैकग्राउंड का है लेकिन उसे भारतीय परिवेश में ढालने के लिए कुछ कोशिशें की गई हैं ताकि वर्तमान स्थिति पर प्रहार हो सके।