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गारबेज सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने का एमओयू तैयार, इस माह सदन में आएगा Chandigarh News

मेयर राजेश कालिया का कहना है कि एमओयू का ड्राफ्ट इस माह की 16 सितंबर को होने वाली सदन की बैठक में मंजूरी के लिए आ जाएगा। उसके बाद सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा।

By Edited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 12:56 PM (IST)
गारबेज सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने का एमओयू तैयार, इस माह सदन में आएगा Chandigarh News
गारबेज सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने का एमओयू तैयार, इस माह सदन में आएगा Chandigarh News

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। शहर में सूखे और गीले कचरे का सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने के लिए जो एमओयू साइन होना है, वह अंतिम स्टेज पर है। यह एमओयू गारबेज कलेक्टरों की सोसायटी और नगर निगम के बीच होना है। जिसके बाद शहर में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा करने का सिस्टम शुरू हो जाएगा। मालूम हो कि अभी तक भाजपा के अपने पार्षदों की राजनीति के कारण एमओयू बनकर नहीं आया है। सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू न होने के कारण ही चंडीगढ़ स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में तीसरे नंबर से गिरकर 20वें नंबर पर पहुंच गया था।

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मेयर राजेश कालिया का कहना है कि एमओयू का ड्राफ्ट इस माह की 16 सितंबर को होने वाली सदन की बैठक में मंजूरी के लिए आ जाएगा। उसके बाद सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा। मालूम हो कि मेयर खुद भी गारबेज कलेक्टरों के प्रतिनिधि रह चुके हैं। सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू होने पर शहरवासियों पर भी गारबेज कलेक्शन के बढ़े हुए रेट चार्ज होंगे।

गाड़ियां एमसी खरीदकर देगा

अभी तक एमओयू तैयार होने का एक बड़ा कारण यह भी रहा है कि जो कचरा इकट्ठा करने के लिए गाड़ियां खरीदनी हैं, पहले यह तय हुआ था कि यह गारबेज कलेक्टर खुद ई-रिक्शा खरीदेंगे, लेकिन कलेक्टरों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह खुद गाड़ियां खरीद सकें। ऐसे में अब यह प्रस्ताव तैयार हो रहा है कि सूखा और गीला अलग-अलग इकट्ठा करने के लिए गाड़ियां कलेक्टरों को एमसी खरीदकर देगा। सूखे कचरे को बेचकर जो राशि आएगी, वह कलेक्टरों को ही दी जाएगी।

जनवरी में होगा सर्वे स्वच्छ सर्वेक्षण

2020 के लिए जनवरी में शहर का सर्वे शुरू हो जाएगा। ऐसे में नगर निगम को बेहतर परिणाम के लिए इस साल दिसंबर माह से पहले सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करना होगा। इस समय नगर निगम शहर के 13 गांवों में कचरे का सेग्रीगेशन कर रहा है। सिटी फोरम ऑफ रेजिडेंट्स वेलफेयर आर्गेनाइजेशन के संयोजक विनोद वशिष्ठ का कहना है कि शहरवासी सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने के लिए तैयार हैं। गारबेज कलेक्टरों को अब शहर की रैंकिंग सुधारने के लिए सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा करना शुरू कर देना चाहिए। सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट बायलॉज भी लागू कर देने चाहिए।

शत प्रतिशत सेग्रीगेशन होने पर मिलेगी पांच स्टार रेटिंग

कचरे की सेग्रीगेशन घर और दुकान स्तर पर ही होनी चाहिए, लेकिन शहर में ऐसा नहीं हो रहा है। इस मापदंड में अगर सूखा और गीला कचरा 25 प्रतिशत अलग-अलग इकट्ठा हो रहा है, तो वन स्टार जबकि 50 प्रतिशत इकट्ठा होने पर टू स्टार, 80 प्रतिशत होने पर थ्री स्टार और शत-प्रतिशत पर 5 स्टार रेटिंग मिलेगी। चंडीगढ़ इस मामले में अभी फिसड्डी साबित हुआ है।

एमओयू को लेकर गारबेज कलेक्टरों के प्रतिनिधियों के साथ तीन बार नगर निगम की बैठक हो चुकी है। बैठक बुलाई गई है। वह इस सप्ताह के अंत में शहर के सभी गारबेज कलेक्टरों के साथ बैठक करने जा रहे हैं, जिन्हें नई गाड़ियां आने तक सेग्रीगेशन सिस्टम अपने स्तर पर शुरू करने के लिए कहा जाएगा।

-राजेश कालिया, मेयर।

एमओयू की 90 प्रतिशत शर्तो पर सहमति बन चुकी है। बस अब अंतिम चरण पर एमओयू साइन होना है। गारबेज कलेक्टर सेग्रीगेशन शुरू करने के लिए तैयार हैं।

-ओमप्रकाश सैनी, चेयरमैन, डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन सोसायटी।

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