ई-कार्ट, ई-गवर्नेंस, प्लांट और स्मार्ट स्कूल बनाने के प्रोजेक्टों को मिली मंजूरी Chandigarh News
सेक्टर-17 प्लाजा में 10 ई-कार्ट रिक्शा चलाएं जाएंगे। यह लोगों को निश्शुल्क सुविधा मिलेगी। ऐसे में लोग वाहन पार्क करने के बाद ई-कार्ट में सवार हो जाएंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। स्मार्ट सिटी की टेक्निकल कमेटी ने वीरवार को चार नए प्रोजेक्ट्स के लिए आए हुए टेंडरों को अपनी मंजूरी दे दी है। जिसमें सेक्टर-17 में ई-कार्ट चलाने, ई-गवर्नेस सिस्टम, मरे हुए जानवरों के संस्कार के लिए प्लांट और स्मार्ट स्कूल बनाने का प्रोजेक्ट शामिल है। अब अगले दिनों में इन प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंशियल बिड खोलकर टेंडर अलॉट कर दिया जाएगा।
निशुल्क चलाई जाएंगी ई-कार्ट
सेक्टर-17 प्लाजा में 10 ई-कार्ट रिक्शा चलाएं जाएंगे। यह लोगों को निश्शुल्क सुविधा मिलेगी। ऐसे में सेक्टर-17 में आने वाले लोग पार्किंग में अपना वाहन पार्क करने के बाद ई-कार्ट में सवार हो जाएंगे। यह एक करोड़ 25 लाख रुपये का टेंडर है। जिस कंपनी को यह टेंडर अलॉट किया जाएगा, वह दो साल तक निशुल्क लोगों को ई-कार्ट में बैठाकर प्लाजा की सैर करवाएगी। यह कार्ट लोगों को मल्टीलेवल पार्किग से मिलेंगे। इस प्रोजेक्ट को लेकर चार कंपनियों ने आवेदन किए हैं। जबकि ई-गवर्नेस सिस्टम के लिए दो कंपनियों ने टेंडर के लिए आवेदन किया है। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से सभी सर्विस ऑनलाइन हो जाएंगी और लोग घर बैठे ही अपना काम करवा पाएंगे।
संस्कार प्लांट लगाने के लिए एक कंपनी आई आगे
अब शहर में मरने वाले पशुओं को इधर-उधर नहीं फेंका जाएगा। वहीं, कुत्ते, बिल्ली गारबेज बिन के जरिये डं¨पग ग्राउंड पर नहीं जाएंगे। अब क्रिमेशन ग्राउंड की तरह मरे पशुओं की बॉडी जलाने के लिए भी ए सीएनजी की भट्ठियां लगेंगी। इस प्रोजेक्ट के लिए एक ही कंपनी ने टेंडर में आवेदन किया है। अभी तक डड्डूमाजरा में यह प्लांट लगाने का प्रपोजल है लेकिन लोगों के विरोध के कारण नगर निगम नई जगह की भी तलाश कर रहा है। इसके लिए पूर्व मेयर आशा जसवाल के नेतृत्व में कमेटी का भी गठन किया हुआ है। पांच करोड़ की लागत से यह प्लांट लगेगा। योजना के अनुसार इन्हें गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट के पास एक एकड़ के प्लांट में लगाया जाना है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 5 करोड़ की लागत से पीपीपी ( पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर टेंडर अलॉट किया जाएगा। टेंडर अलॉट होते ही एलपीजी या सीएनजी की भट्ठियां लग जाएंगी। इस भट्ठी में एक दिन में 10 बड़े और 30 छोटे पशुओं का संस्कार हो सकेगा।
90 क्लास रूम स्मार्ट बनाने के दो कंपनियों ने किया आवेदन
शहर के चार सरकारी स्कूलों के 90 क्लास रूम को स्मार्ट बनाने के लिए दो कंपनियों ने टेंडर में आवेदन किया है। जिसकी टेक्निकल कमेटी ने मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-22 के सीनियर सेकेंडरी, सेक्टर-35 के सीनियर सेकेंडरी, हाई स्कूल और सेक्टर-43 के हाई स्कूल के 90 क्लास रूम स्मार्ट किए जाएंगे। जिस पर साढ़े चार करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इसके तहत हर क्लास रूम में डिजिटल प्रोजेक्टर, थ्रीडी बोर्ड और कंप्यूटर लगाया जाएगा। प्रशासन के अनुसार पहली से लेकर 12वीं तक के सभी बच्चों के क्लास रूम में यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाएंगी। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार इन स्मार्ट क्लासरूम में जो बोर्ड लगे होंगे, उनमें एनसीईआरटी का सिलेबस पहले से डाउनलोड होगा। बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर्स को इसके लिए अलग से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा हायर की गई कंपनी ने दिल्ली में चल रहे स्मार्ट स्कूलों को स्टडी किया है।
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