करोड़ों खर्चे फिर भी वाटर सप्लाई और सीवरेज सिस्टम से लोग सबसे ज्यादा परेशान Chandigarh News
इस साल नगर निगम के पास अलग-अलग विभागों से जुड़ी 16 हजार 307 शिकायतें दर्ज हुई हैं जिनमें से 5826 (35 फीसद) वाटर सप्लाई और सीवरेज सिस्टम के ब्लॉक होने की रही हैं।
By Edited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 11:31 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 10:31 AM (IST)
चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। हर साल करोड़ों रुपये का बजट खर्च करने के बावजूद शहरवासी सबसे ज्यादा पानी की किल्लत और सीवरेज सिस्टम की समस्या से परेशान हैं। इस साल नगर निगम के पास अलग-अलग विभागों से जुड़ी 16 हजार 307 शिकायतें दर्ज हुई हैं जिनमें से 5826 (35 फीसद) वाटर सप्लाई और सीवरेज सिस्टम के ब्लॉक होने की रही हैं। जबकि नगर निगम का सबसे ज्यादा खर्चा ही जनस्वास्थ्य विभाग में होता है। नगर निगम के पास जो शिकायतें आई हैं, उनमें दक्षिणी सेक्टर, कॉलोनियों और गांवों की रही हैं। जबकि नगर निगम की ओर से शहरवासियों को 24 घंटे पानी की सप्लाई देने का सपना भी दिखाया जा रहा है।
चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला हुआ है। दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा शिकायतें सफाई की आई हैं। एक जनवरी से लेकर 13 अगस्त तक 3073 शिकायतें सफाई से संबंधित आई हैं। तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा शिकायतें बागवानी विभाग के लिए आई हैं। शहर के पार्को और यहां पर लगे झूलों का रखरखाव इस विंग के पास है। 2915 लोगों ने शिकायतें की हैं। जबकि पिछले साल इस विंग के लिए 5286 शिकायतें दर्ज हुई थी। शहर के रोड विंग के लिए 1639 शिकायतें नगर निगम के पास पहुंची हैं। रोड विंग शहर की सड़कों की कारपेटिंग और रिपेयर करता है। शहर के अवैध कब्जों को लेकर 250 शिकायतें नगर निगम के पास इस साल पहुंची हैं।
155304 पर करें शिकायत, कमिश्नर खुद करते हैं रिव्यू
नगर निगम की वेबसाइट के अलावा कोई भी 155304 हेल्पलाइन पर फोन करके शिकायत दर्ज करवा सकता है। यहां पर शनिवार और रविवार को भी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक शिकायतें दर्ज होती हैं। ओएसीडी ब्रांच के अनुसार सिटीजन चार्टर में तय समय सीमा के अनुसार आई शिकायतें दूर होती हैं। जबकि शहरवासी और पार्षद समय-समय पर हेल्पलाइन नंबर न मिलने की शिकायत भी कर चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार कमिश्नर हर सप्ताह खुद आने वाली ऑनलाइन शिकायतों का रिव्यू करते हैं। शिकायत दूर न करने वाले विंग की जवाबदेही तय की जाती है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहरवासियों की शिकायतें लेने का सिस्टम भी अपग्रेड किया जा रहा है।
पार्षदों और मेयर के पास भी पहुंचती हैं शिकायतें
ऑनलाइन के अलावा शहरवासी अपने पार्षद और मेयर को भी फोन करके एवं लिखित में शिकायतें दर्ज करवाते हैं। हर दिन हर पार्षद के पास 8 से 10 शिकायतें आती हैं। इसके अलावा अधिकारियों के पास भी सीधा शिकायतें आती हैं। मेयर राजेश कालिया का कहना है कि लोगों को चाहिए कि शिकायत दूर होने के बाद वह फीडबैक भी दें ताकि नगर निगम को ग्राउंड की असली रिपोर्ट की जानकारी भी मिल सकें।
ये हैं अहम विंग जिनके पास सबसे ज्यादा आती हैं शिकायतें
विंग शिकायतें वाटर सप्लाई एंड सीवरेज 5826 बिजली 2354 बागवानी 2915 सेनिटेशन 3073 रोड 1639 पिछले साल आई थी 28 हजार से ज्यादा शिकायतें पिछले साल नगर निगम को कुल 28 हजार 534 शिकायतें आई थी जिनमें में सबसे ज्यादा समस्याएं जन स्वास्थ्य विभाग से संबंधित रही थी। 9081 शिकायतें वाटर सप्लाई और सीवरेज सिस्टम जाम होने की रही थी। वाटर सप्लाई के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा परेशानी लोगों को बिजली विभाग से रही थी।
चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला हुआ है। दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा शिकायतें सफाई की आई हैं। एक जनवरी से लेकर 13 अगस्त तक 3073 शिकायतें सफाई से संबंधित आई हैं। तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा शिकायतें बागवानी विभाग के लिए आई हैं। शहर के पार्को और यहां पर लगे झूलों का रखरखाव इस विंग के पास है। 2915 लोगों ने शिकायतें की हैं। जबकि पिछले साल इस विंग के लिए 5286 शिकायतें दर्ज हुई थी। शहर के रोड विंग के लिए 1639 शिकायतें नगर निगम के पास पहुंची हैं। रोड विंग शहर की सड़कों की कारपेटिंग और रिपेयर करता है। शहर के अवैध कब्जों को लेकर 250 शिकायतें नगर निगम के पास इस साल पहुंची हैं।
155304 पर करें शिकायत, कमिश्नर खुद करते हैं रिव्यू
नगर निगम की वेबसाइट के अलावा कोई भी 155304 हेल्पलाइन पर फोन करके शिकायत दर्ज करवा सकता है। यहां पर शनिवार और रविवार को भी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक शिकायतें दर्ज होती हैं। ओएसीडी ब्रांच के अनुसार सिटीजन चार्टर में तय समय सीमा के अनुसार आई शिकायतें दूर होती हैं। जबकि शहरवासी और पार्षद समय-समय पर हेल्पलाइन नंबर न मिलने की शिकायत भी कर चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार कमिश्नर हर सप्ताह खुद आने वाली ऑनलाइन शिकायतों का रिव्यू करते हैं। शिकायत दूर न करने वाले विंग की जवाबदेही तय की जाती है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहरवासियों की शिकायतें लेने का सिस्टम भी अपग्रेड किया जा रहा है।
पार्षदों और मेयर के पास भी पहुंचती हैं शिकायतें
ऑनलाइन के अलावा शहरवासी अपने पार्षद और मेयर को भी फोन करके एवं लिखित में शिकायतें दर्ज करवाते हैं। हर दिन हर पार्षद के पास 8 से 10 शिकायतें आती हैं। इसके अलावा अधिकारियों के पास भी सीधा शिकायतें आती हैं। मेयर राजेश कालिया का कहना है कि लोगों को चाहिए कि शिकायत दूर होने के बाद वह फीडबैक भी दें ताकि नगर निगम को ग्राउंड की असली रिपोर्ट की जानकारी भी मिल सकें।
ये हैं अहम विंग जिनके पास सबसे ज्यादा आती हैं शिकायतें
विंग शिकायतें वाटर सप्लाई एंड सीवरेज 5826 बिजली 2354 बागवानी 2915 सेनिटेशन 3073 रोड 1639 पिछले साल आई थी 28 हजार से ज्यादा शिकायतें पिछले साल नगर निगम को कुल 28 हजार 534 शिकायतें आई थी जिनमें में सबसे ज्यादा समस्याएं जन स्वास्थ्य विभाग से संबंधित रही थी। 9081 शिकायतें वाटर सप्लाई और सीवरेज सिस्टम जाम होने की रही थी। वाटर सप्लाई के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा परेशानी लोगों को बिजली विभाग से रही थी।
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