प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना पीएमएवाइ यूटी में नहीं चढ़ी सिरे
प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रोजेक्ट पर चंडीगढ़ में ब्रेक लग गए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रोजेक्ट पर चंडीगढ़ में ब्रेक लग गए हैं। गृह मंत्रालय ने इस स्कीम के लिए रियायती दरों पर जमीन देने से इन्कार कर दिया है। केंद्र सरकार ने मार्केट रेट पर ही जमीन देने की बात कही है। जिसके बाद यह स्कीम चंडीगढ़ में स्क्रैप हो गई है। साथ ही उन 10 हजार लोगों को आशियाना मिलने का सपना टूट गया है। इन्हीं लोगों को मकान देने के लिए यूटी प्रशासन ने धनास, मौलीजागरां और मलोया में 104 एकड़ जमीन चिह्नित कर रियायती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था। यूटी प्रशासन ने प्रति एकड़ तीन करोड़ रुपये में यह जमीन देने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन केंद्र सरकार ने कलेक्टर रेट से कम में जमीन देने से इन्कार कर दिया है। कलेक्टर रेट के हिसाब से एक एकड़ की कीमत 30 करोड़ रुपये बनती है। अभी तक चंडीगढ़ ने पुनर्वास योजना के तहत उन लोगों को करीब 18 हजार घर बना कर दिए हैं जिनके पास अपना घर नहीं हैं और गरीबी रेखा से नीचे आते हैं। इसी स्कीम के तहत मलोया में तैयार पांच हजार फ्लैट देने की प्रक्रिया इन दिनों चल रही है। इससे पहले धनास में आठ हजार, मौलीजागरां, पलसौरा और सेक्टर-26 बापूधाम कॉलोनी में भी कई हजार फ्लैट बनाकर दिए हैं। 250 को बैंक से मिलेगी सबसिडी
केंद्र सरकार से जवाब मिलने के बाद यूटी प्रशासन ने स्कीम के तहत ही उन लोगों के केस बैंकों को ट्रांसफर कर दिए हैं। जिन्हें बैंक लोन के बाद पीएमएवाइ के तहत सबसिडी मिलनी है। ऐसे 250 आवेदकों को प्रशासन ने लंबी प्रक्रिया के बाद शॉर्टलिस्ट किया था। यह वह लोग हैं जो अपनी जमीन पर घर बना रहे हैं। यह अफोर्डेबल हाउसिग स्कीम के दायरे में नहीं आते। इन्हीं लोगों की सबसिडी के लिए बैंक आवेदन करेंगे। जिसके बाद इन्हें प्रति केस करीब 2.67 लाख रुपये की सबसिडी मिलेगी। डेढ़ लाख लोगों ने किया था आवेदन
पीएमएवाइ के तहत जब चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड ने आवेदन मांगे थे तो लोगों ने सप्ताह भर तक लंबी लाइनों में लगकर फार्म जमा कराए थे। दिनभर बोर्ड कार्यालय में फार्म जमा कराने वालों की मारामारी रहती थी। इसके बाद इन डेढ़ लाख लोगों को स्थायी पते और अन्य दस्तावेजों के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया। कई बार शॉर्टलिस्ट करने पर 10 हजार 132 आवेदक ऐसे बचे थे जिन्हें पीएमएवाइ के तहत मकान बनाकर दिए जाने थे। इन्हीं लोगों को मकान देने के लिए ही प्रशासन ने प्रति एकड़ तीन करोड़ रुपये रियायती दरों पर जमीन मांगी थी। धनास, मौलीजागरां और मलोया में ऐसी 104 एकड़ जमीन को चिह्नित किया गया था। चुनाव में भुनाया, अब नाराजगी
इस स्कीम के तहत मकान देने के मुद्दों को भाजपा ने चुनाव में जमकर भुनाया था। लोगों को भी चुनाव के बाद स्कीम के तहत मकान मिलने की पूरी आस थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना को चंडीगढ़ में बड़ा झटका लगा है। जमीन नहीं मिलने से यह स्कीम चंडीगढ़ में फ्लॉप हो गई है। अब जिन लोगों ने मकान मिलने की आस में भाजपा को वोट दिया था, वह ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इसका गुस्सा चार नंबर कॉलोनी को हटाते समय फूट सकता है। इस कॉलोनी में दो हजार से अधिक ऐसे लोग हैं जिनको इस नई स्कीम में मकान मिलने की आस थी। पीएमएवाइ के तहत कंसेशनल रेट पर जमीन नहीं मिल रही है। इसके लिए दोबारा से केंद्र सरकार को लिखा जाएगा। इसी स्कीम में दूसरे पार्ट यानी जिन्हें बैंक से सबसिडी मिलनी है, ऐसे केस बैंकों को ट्रांसफर किए जाएंगे।
-मनोज कुमार परिदा, एडवाइजर, चंडीगढ़