Move to Jagran APP

बोझ तो बस ख्वाहिशों का है

इंसान का भाग्य और कर्म दोनों ही एक दूसरे से अकसर टकराते से नजर आते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 09:39 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 06:27 AM (IST)
बोझ तो बस ख्वाहिशों का है
बोझ तो बस ख्वाहिशों का है

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : इंसान का भाग्य और कर्म, दोनों ही एक दूसरे से अकसर टकराते से नजर आते हैं। नाटक सपने साइकिल पर इसी विचार पर आधारित हैं। जिसमें एक आम इंसान के सपने और उसकी खुशियों को दिखाया गया। जिसमें सामाजिक जीवन में पैसों की किल्लत और सपनों के नाम पर अकसर घुटती जिदगी को मनोरंजन से भरपूर तरीके से दिखाया। पंजाब कला भवन -16 में मंचित इस नाटक का निर्देशन और लेखन विनोद भारती ने किया। नाटक जुगनू और इमली की कहानी है। दोनों के ही अपने सपने हैं। छोटी सी बस्ती में रहते हुए, दोनों ही बड़े शहर जाने का सपना देखते हैं। जुगनू जहां एक बड़ी लॉटरी जीतकर एक दम अमीर बनना चाहता है, तो वहीं इमली पढ़ाई कर एक खूबसूरत नौजवान से शादी करना चाहती है। दोनों के जीवन में उस दिन मोड़ आता है, जब इन्हें माधो नाम का युवक टकराता है जो शहर से ही आया है। वो उनकी सहायता करने की बात करता मगर, दोनों की मासूमियत से खेलते हुए उन्हें ठग कर पैसे लूट लेता है। अंत में दोनों के सपने टूट जाते हैं और दोनों ही जीवन में खुशी के अर्थ को ढूंढ़ने लगते हैं। नाटक में निर्देशन बेहतर रहा। खूबसूरत रहा अभिनय

loksabha election banner

नाटक में अभिनय पक्ष बहुत खूबसूरत रहा। जिसमें कलाकारों ने स्लम के दृश्यों को खूबसूरती से अभिनय के द्वारा बयां किया। नाटक में अभिमन्यु इमरोज, अनिता भंडारी, दीपक राज, गार्गी, हरिदर, रिकू, साहिल बत्रा, सतगुरु, सीतू, विवेक ने खूबसूरत अभिनय किया। इसके अलावा रमन, अनमोल, विनोद ने संगीत दिया। लाइट डिजाइनिग करमजीत सिंह की रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.