हड्डियां बचानी हैं तो बरसात में जरा संभलकर चलें
बरसात के कारण अस्पतालों में हड्डी टूटने और फ्रेक्चर के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बरसात के कारण अस्पतालों में हड्डी टूटने और फ्रेक्चर के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं। गवर्नमेंट मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल सेक्टर-16 के एमएस और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएस नागपाल का कहना है कि अगर इस समय ड्राइव करने और चलने में सावधानी नहीं बरती तो हड्डी टूटने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। वैसे भी पीजीआइ की रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि चंडीगढ़ के 70 प्रतिशत लोगों की हड्डी बेहद कमजोर हैं। ऐसी स्थिति में संभलकर चलने में ही समझदारी है। गुनगुने पानी से नहाएं, बाहर का खाना न खाएं
डॉ. नागपाल ने बताया कि बरसात के दौरान चोट लगने की घटनाएं तो ज्यादा होती ही हैं, साथ ही हड्डी से जुड़े मर्ज में तकलीफ भी बढ़ जाती है। इसलिए इसके मरीजों को ठंडे की जगह गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। खानपान में सावधानी बरतनी चाहिए। बाहर की खुली चीजें नहीं खानी चाहिए। डॉ. नागपाल ने बताया कि अस्पताल की इमरजेंसी के 60 बेड में से लगभग आधे हड्डी से जुड़े मरीजों से भरे हैं। इसमें घर में या बाहर फिसलकर गिरने वालों के साथ तेज ड्राइव करने वाले लोग शामिल हैं। इन बातों का रखें ध्यान
-हड्डी में चोट लग जाए तो सबसे पहले चोट वाले हिस्से को अपने हाथों से सहारा दें और हिलने न दें। हड्डी के हिलने से उसके टुकड़े होने की आशंका बढ़ जाती है।
- कंधे, हाथ, पैर की हड्डी टूटने या फ्रेक्चर होने पर उसे किसी कपड़े या पट्टे से बांध कर सहारा दें
-घुटना, जांघ या पैर की हड्डी टूटने व फ्रेक्चर होने पर किसी सख्त तकिये या लकड़ी का इस्तेमाल करें, यदि सहारा देने के लिए कोई चीज न दिखे तो अपने हाथों से ही सहारा दें। ऐसा करने से हड्डी के फिर से जुड़ने की उम्मीद रहती है।