सेक्टर-39 नई मंडी का काम ठप, नहीं मिले डेवलपमेंट के 100 करोड़ Chandigarh News
सेक्टर-39 नई मंडी का काम ठप पड़ गया है। नैबकांस से नई मंडी के लिए 100 करोड़ रुपये मिलने थे। जोकि अभी तक नहीं मिले।
By Edited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 10:14 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 04:54 PM (IST)
चंडीगढ़ [विशाल पाठक]। सेक्टर-39 नई मंडी का काम ठप पड़ गया है। नैबकांस से नई मंडी के लिए 100 करोड़ रुपये मिलने थे। जोकि अभी तक नहीं मिले। क्योंकि प्रशासन ने नैबकास को अब तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर नहीं दी है। हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को नई मंडी के प्रोजेक्ट पर 6 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। एक साल से ऊपर का समय गुजर चुका है। लेकिन अब तक नई मंडी के डेवलपमेंट को लेकर प्रशासन अपना खाका तैयार नहीं कर सका। नैबकांस ने 100 करोड़ देने थे। प्रशासन अब तक नैबकांस की शर्तों को पूरा नहीं कर सका है।
डीसी मनदीप सिंह बराड़ ने कहा कि नई मंडी की डीपीआर तैयार की जा रही है। दोबारा से नक्शा तैयार किया जा रहा है। जिसमें समय लग सकता है। चार साल से लटका पड़ा है काम 2016 में यूटी प्रशासन ने नई मंडी बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी। करीब चार साल गुजर जाने के बावजूद अब तक मंडी का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। सेक्टर-26 ग्रेन मार्केट में आढ़तियों, फल व सब्जी विक्रेताओं के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। वहीं, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली से आढ़तियों के पास जो सामान आता है, उसे रखने के लिए यहां पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सेक्टर-39 में नई मंडी बनने से आढ़तियों, फल व सब्जी विक्रेताओं को काफी राहत मिलेगी। साथ ही पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से माल लेकर आने वाले किसानों को अपना सामान बेचने में भी आसानी होगी।
50 एकड़ एरिया में होगी यह डेवलपमेंट
सेक्टर-39 नई मंडी के 50 एकड़ एरिया को नाबार्ड की नैबकांस एजेंसी डेवलप करेगी। नाबार्ड की ओर नई मंडी के लिए मंडी बोर्ड को 100 करोड़ रुपये दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन नैबकांस की शर्त पूरी न होने पर अब तक यह बजट प्रशासन के अकाउंट में रिलीज नहीं किया गया। नई मंडी के इस 50 एकड़ एरिया में गारबेज प्लांट, स्ट्रीट लाइट, ऑफिस बिल्डिंग, सड़कों का निर्माण आदि किया जाएगा। 50 एकड़ एरिया में नाबार्ड की डेवलपिंग एजेंसी नैबकांस किन प्रोजेक्टों को पूरा करेगी, इसके लिए अब तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार नहीं की गई है। यूटी प्रशासन सेक्टर-39 में 75 एकड़ में ग्रेन मार्केट और सब्जी मंडी तैयार कर रहा है। नई मंडी को दो चरणों में तैयार किया जा रहा है। पहले फेज में ग्रेन मार्केट और दूसरे फेज में फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केट बनेगी। इसके अलावा मंडी के व्यापारियों के लिए शेड तैयार किए जाएंगे।
सेक्टर-39 नई मंडी में बनाए जाएंगे 130 एससीओ
सेक्टर-39 नई मंडी में चंडीगढ़ स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड की ओर से यहां 200 दुकानें बनाई जाएंगी। जिन्हें व्यापारियों को किराये पर दी जाएंगी। इस समय सेक्टर-26 की मंडी में 35 दुकानें हैं और उन दुकानों पर 175 के करीब किरायेदार हैं। मंडी बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो नाबार्ड की नैबकास एजेंसी से इन सबके निर्माण के लिए मदद ली जाएगी। बता दें कि नई मंडी में फ्रूट व सब्जी और ग्रेन मार्केट के व्यापारियों के लिए 130 एससीओ भी बनेंगे।
नई मंडी के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है, मंडी का दोबारा से नक्शा तैयार किया जा रहा है। पुराने प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कई खामियां थी जिसे दूर किया जा रहा है, जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर नैबकांस एजेंसी के साथ साझा किया जाएगा। इस हफ्ते नई मंडी के प्रोजेक्ट को लेकर मी¨टग बुलाई गई है। -मनदीप सिंह बराड़, डीस।
डीसी मनदीप सिंह बराड़ ने कहा कि नई मंडी की डीपीआर तैयार की जा रही है। दोबारा से नक्शा तैयार किया जा रहा है। जिसमें समय लग सकता है। चार साल से लटका पड़ा है काम 2016 में यूटी प्रशासन ने नई मंडी बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी। करीब चार साल गुजर जाने के बावजूद अब तक मंडी का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। सेक्टर-26 ग्रेन मार्केट में आढ़तियों, फल व सब्जी विक्रेताओं के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। वहीं, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली से आढ़तियों के पास जो सामान आता है, उसे रखने के लिए यहां पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सेक्टर-39 में नई मंडी बनने से आढ़तियों, फल व सब्जी विक्रेताओं को काफी राहत मिलेगी। साथ ही पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से माल लेकर आने वाले किसानों को अपना सामान बेचने में भी आसानी होगी।
50 एकड़ एरिया में होगी यह डेवलपमेंट
सेक्टर-39 नई मंडी के 50 एकड़ एरिया को नाबार्ड की नैबकांस एजेंसी डेवलप करेगी। नाबार्ड की ओर नई मंडी के लिए मंडी बोर्ड को 100 करोड़ रुपये दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन नैबकांस की शर्त पूरी न होने पर अब तक यह बजट प्रशासन के अकाउंट में रिलीज नहीं किया गया। नई मंडी के इस 50 एकड़ एरिया में गारबेज प्लांट, स्ट्रीट लाइट, ऑफिस बिल्डिंग, सड़कों का निर्माण आदि किया जाएगा। 50 एकड़ एरिया में नाबार्ड की डेवलपिंग एजेंसी नैबकांस किन प्रोजेक्टों को पूरा करेगी, इसके लिए अब तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार नहीं की गई है। यूटी प्रशासन सेक्टर-39 में 75 एकड़ में ग्रेन मार्केट और सब्जी मंडी तैयार कर रहा है। नई मंडी को दो चरणों में तैयार किया जा रहा है। पहले फेज में ग्रेन मार्केट और दूसरे फेज में फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केट बनेगी। इसके अलावा मंडी के व्यापारियों के लिए शेड तैयार किए जाएंगे।
सेक्टर-39 नई मंडी में बनाए जाएंगे 130 एससीओ
सेक्टर-39 नई मंडी में चंडीगढ़ स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड की ओर से यहां 200 दुकानें बनाई जाएंगी। जिन्हें व्यापारियों को किराये पर दी जाएंगी। इस समय सेक्टर-26 की मंडी में 35 दुकानें हैं और उन दुकानों पर 175 के करीब किरायेदार हैं। मंडी बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो नाबार्ड की नैबकास एजेंसी से इन सबके निर्माण के लिए मदद ली जाएगी। बता दें कि नई मंडी में फ्रूट व सब्जी और ग्रेन मार्केट के व्यापारियों के लिए 130 एससीओ भी बनेंगे।
नई मंडी के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है, मंडी का दोबारा से नक्शा तैयार किया जा रहा है। पुराने प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कई खामियां थी जिसे दूर किया जा रहा है, जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर नैबकांस एजेंसी के साथ साझा किया जाएगा। इस हफ्ते नई मंडी के प्रोजेक्ट को लेकर मी¨टग बुलाई गई है। -मनदीप सिंह बराड़, डीस।
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