जिंदा जले रिकी की बॉडी के कुछ अवशेष मिले
वह जिदा जल गया होगा और मलबे में दबा हुआ है।
संवाद सहयोगी, डेराबस्सी : डेराबस्सी में बुधवार को केमिकल फैक्ट्री में हुए भीषण अग्निकांड में दो युवकों की मौत की पुष्टि तो हो गई थी, परंतु तीसरे लापता चल रहे युवक रिकी वासी गांव बतौड़ जिला पंचकूला के बारे में कयास लगाए जा रहे थे कि वह जिदा जल गया होगा और मलबे में दबा हुआ है। यह बात शुक्रवार को सही साबित हुई। दरअसल शुक्रवार करीब 12 बजे बुरी तरह तहस-नहस हुए प्लांट के मलबे को हटाते हुए ग्राउंड फ्लोर पर लिफ्ट के पास कुछ मानव अवशेष मिले जिसे रिकी के ही माना जा रहा है। लापता युवक रिकी के परिजनों को मौके पर बुलाकर शव के अवशेष दिखाए गए। जिसके बाद पुलिस ने इन्हें डेराबस्सी सिविल अस्पताल में अगली कार्रवाई के लिए रखवा दिया है। मलबे को हटाने का काम अभी भी जारी है और शव के बाकी अवशेष ढूंढ़ने के प्रयास भी जारी हैं। जिक्र योग्य है कि बुधवार को भयानक हादसे में गांव बिजनपुर के दो युवकों सुखविदर सिंह उर्फ बंटी एवं विक्की पुत्र मांगेराम की मौत हो गई थी। जिनके शव परिजनों को सौंप दिए गए थे। परंतु रिकी वासी गांव बतौड़ का शव नहीं मिल रहा था। इस बात से वीरवार को फैक्ट्री परिसर में रिकी के परिजन एवं गांववासी इकट्ठा हो गए थे एवं पुलिस और फैक्ट्री प्रबंधकों के साथ कुछ विवाद भी हुआ था। परंतु शाम तक वह कुछ शांत हो गए थे शुक्रवार को शव के अवशेष मिलने से परिजन कुछ शांत दिखाई दिए। तीन बच्चों का पिता था रिकी
डेराबस्सी थाना प्रभारी सतिदर सिंह के मुताबिक शुक्रवार दोपहर को मिले अवशेष में बुरी तरह से जल चुके कुछ हड्डी के अलावा मांस के टुकड़े भी मिले हैं। परंतु इसकी पुष्टि डीएनए टेस्ट के बाद भी हो पाएगी। शनिवार को सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की देखरेख में अगली कार्रवाई की जाएगी। 28 वर्षीय रिकी पुत्र महेंद्र सिंह परिवार में इकलौता बेटा ही नहीं था बल्कि कमाने वाला सदस्य भी वही था। तीन बच्चों का पिता था जिनमें एक 12 साल की बेटी और दो छोटे बेटे हैं। सात लोगों का इलाज जारी
कंपनी प्रबंधकों ने बताया कि भारी भरकम लोहे के मलबे को हटाने के लिए हेवी ड्यूटी क्रेन भी मंगवाई गई है। शव को खोजने के लिए दिन-रात पुलिस और फैक्ट्री प्रबंधक जुटे हुए हैं। इस भयानक हादसे में 3 कर्मचारियों की मौत हो गई एवं कुल 7 लोग जख्मी हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।