वित्त मंत्री मनप्रीत बादल बोले- Union Budget से पंजाब को मायूसी, शराब से मिली थोड़ी राहत
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट 2019 को वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने निराशाजनक करार दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। किसानी, सुरक्षा और रोजगार को लेेकर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट 2019 की तरफ टकटकी लगाए पंजाब को मायूसी हाथ लगी है। पंजाब के वित्तमंत्री ने बजट को लेकर अपनी मायूसी मशहूर शायर हैदर अली आतिश का शेर 'बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का जो चीरा तो इक कतरा-ए-ख़ून न निकला' कहकर बयां करते हैंं। मनप्रीत केंद्रीय बजट की आलोचना तो करते हैं, लेकिन कुछ बिंदुओं पर सराहना भी करने से नहीं चूकते।
बकौल मनप्रीत बादल 'केंद्रीय वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब को फेसलैस कर दिया है। निश्चित रूप से यह सराहनीय है। इसके अलावा टैक्सों के पुराने वाद विवादों को एकमुश्त खत्म करने का फैसला लिया गया है। इसका लाभ पंजाब को मिलेगा। वित्तमंत्री बताते हैं कि जीएसटी काउंसिल में पंजाब का केस होल्ड था, क्योंकि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश शराब के लाइसेंस देता है। इस पर 18 फीसद सर्विस लगता है, क्योंकि इन तीनों ही राज्यों का जो माॅडल है। उसे सर्विस टैक्स के दायरे में ला देता है। पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसे होल्ड किया हुआ था। शराब से पंजाब को 6000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। ऐसे में अगर सर्विस टैक्स देना होता तो वह 1,080 करोड़ बनता। वित्तमंत्री के इस फैसले से पंजाब को इस बात की राहत जरूर मिली है।
बजट में एमएसएमई पर बिल्कुल भी फोकस नहीं
मनप्रीत बादल ने केंद्रीय बजट की निंदा की। उन्होंने कहा कि बजट में एमएसएमई पर बिल्कुल भी फोकस नहीं किया गया है। पंजाब एमएसएमई सेक्टर में आता है। इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है। वित्तमंत्री ने इस बात की भी निंदा की कि भाजपा ने अपना लोक सभा चुनाव राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर लड़ा लेकिन डिफेस का बजट मात्र 6 फीसदी ही बढ़ाया।
राज्यों को अधिकार नहीं दे रही केंद्र सरकार
मनप्रीत बादल ने पेट्रोल और डीजल पर एक रुपये सैस लगाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भाजपा शासित राज्यों को चुनाव से पूर्व 2.50 रुपये पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने के लिए कहा था, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद एक रुपये सैस लगा दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने बेहद चालाकी से सैस लगाया है। क्योंकि अगर टैक्स बढ़ाया होता तो इससे राज्य सरकार को 42 फीसदी टैक्स मिलता लेकिन सैस पर नहीं मिलता है।
ब्रीफकेस के स्थान पर बहीखाता, रुपये के स्थान डालर ने लिया
मनप्रीत बादल ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री इस बार ब्रीफकेस के स्थान पर बहीखाता लेकर आई। क्योंकि ब्रीफकेस अंग्र्रेजी प्रथा का चलन है। लेकिन बजट जब वह पढ़ रही थी तो रुपये के स्थान पर उन्होंने अमेरिकी डालर को कोट्स किया।
बजट से पंजाब को यह थी उम्मीद
कृषि क्षेत्र में रिसर्च के लिए फंड मुहैया करवाए। पंजाब के पास इंफ्रास्ट्रक्टर है। कृषि विज्ञानी हैंं, जो कि कृषि क्षेत्र में एक और क्रांति ला सकते हैं। यह संभवत: हरित क्रांति से भी बड़ा कदम साबित हो। राज्य सरकार के पास इतने रिसोर्स नहीं हैं कि वह रिसर्च का भारी-भरकम बोझ उठा सके, जबकि आज जरूरत रिसर्च और वैज्ञानिक ढंग से खेती करने की है। राज्य सरकार के पास इतने ही रिसोर्स नहीं है कि वह किसानों को बीज, कीटनाशक, खाद आदि के बारे में जागरूक करने के लिए एक्सपर्ट को भर्ती कर सके।
इस इंडस्ट्री को कर सकते थे मजबूत
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार को देख स्माल एंड मीडियम इंडस्ट्री को मजबूत किया जाता तो पंजाब के उद्यमी इस ट्रेड वार में अपने लिए राह बना सकते है। जिससे न सिर्फ बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा बल्कि आर्थिक मजबूती भी मिलेगी।