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हरियाणा के IAS संजीव वर्मा ने सत्याग्रह की धमकी दी तो दर्ज हुई पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति घोटाले की FIR

घोटाला उजागर करने वाले समाज कल्याण विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा ने चंडीगढ़ पुलिस के मुख्यालय के आगे सत्याग्रह पर बैठने की धमकी दे डाली।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 02:59 PM (IST)
हरियाणा के IAS संजीव वर्मा ने सत्याग्रह की धमकी दी तो दर्ज हुई पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति घोटाले की FIR
हरियाणा के IAS संजीव वर्मा ने सत्याग्रह की धमकी दी तो दर्ज हुई पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति घोटाले की FIR

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : अपने तेज-तर्रार रवैये के लिए विख्यात चंडीगढ़ पुलिस को अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों की पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति योजना में साढ़े तीन करोड़ रुपये के घोटाले में एफआइआर दर्ज करने में एक महीना लग गया। वह भी तब जब घोटाला उजागर करने वाले समाज कल्याण विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा ने चंडीगढ़ पुलिस के मुख्यालय के आगे सत्याग्रह पर बैठने की धमकी दे डाली। हरियाणा कैडर के आइएएस संजीव वर्मा इस घोटाले में पहले ही पांच कर्मचारियों को निलंबित करने और दो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश कर चुके हैं।

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बीती 6 अप्रैल को अनुसूचित और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में घोटाले का भंडाफोड़ हुआ था। विभाग से जुड़े रैकेट ने आधार नंबर बदलकर सोनीपत जिले के 352 छात्र-छात्रओं के लिए मंजूर साढ़े तीन करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति हड़प कर ली।

घोटाले के तार दूसरे राज्यों से जुड़े होने की आशंका

अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा ने घोटाले के तार दूसरे राज्यों से जुड़े होने की आशंका जताते हुए चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत की थी। पुलिस ने जब प्राथमिकी दर्ज नहीं की तो वर्मा ने 18 अप्रैल को पहला रिमांइडर, 23 अप्रैल को दूसरा, 1 मई को तीसरा और 9 मई को चौथा रिमाइंडर भेजा। इसके बाद भी चंडीगढ़ पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया तो महानिदेशक ने 13 मई को पांचवां पत्र लिखते हुए कहा कि उन्हें अभी तक सूचित नहीं किया गया है कि प्राथमिकी में देरी क्यों की जा रही है। पीड़ित छात्र अपने हक के लिए यहां-वहां दौड़ रहे हैं। इसका असर उनकी शिक्षा पर पड़ रहा है। प्राथमिकी में देरी चंडीगढ़ पुलिस के असंवेदनशील रवैये को दर्शाती है। आइएएस ने पत्र में चेतावनी दी कि अब उनके पास महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए ‘सत्याग्रह’ पर बैठने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। इसलिए वह 15 मई को चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय के बाहर सत्याग्रह शुरू करेंगे।

ऐसे हुआ छात्रवृत्ति घोटाला

सोनीपत जिला कार्यालय की ओर से पहले 170 छात्र-छात्रओं को छात्रवृत्ति देने के लिए 1 करोड़ 71 लाख 67 हजार 800 रुपये के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आए। फिर 182 विद्यार्थियों के लिए 1 करोड़ 81 लाख 42 हजार 700 रुपये के प्रस्ताव आए। इस राशि की मंजूरी के बाद ईपीएस बैंक ने महानिदेशक कार्यालय को सूचित किया कि स्वीकृत राशि को खातों में ट्रांसफर करने के लिए कर्मचारियों ने दूसरे आधार नंबर जोड़ते हुए हेराफेरी की है। संजीव वर्मा ने चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। इस कमेटी ने रिपोर्ट दी कि 352 मामलों में सिर्फ सात केस सही हैं। दो के नाम बदले हुए हैं मगर उनके आधार नंबर ठीक हैं। बाकी सभी केस में फ्रॉड हुआ है। हरियाणा के प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) से पिछले तीन साल में जारी हुई राशि का स्पेशल आडिट कराने और स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से जांच कराने की सिफारिश भी की गई है।

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