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श्री आनंदपुर साहिब सीट के प्रत्याशी वर्करों की आपसी खींचतान का भी कर रहे सामना

हलका श्री आनंदपुर साहिब में सरगर्मियों के बीच जहां चुनावी बिसात बिछ चुकी है वहीं विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों को विरोधी कैंडिडेट के अलावा अपने वर्कर्

By Edited By: Published: Mon, 13 May 2019 06:23 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 07:40 PM (IST)
श्री आनंदपुर साहिब सीट के प्रत्याशी वर्करों की आपसी खींचतान का भी कर रहे सामना
श्री आनंदपुर साहिब सीट के प्रत्याशी वर्करों की आपसी खींचतान का भी कर रहे सामना
संवाद सहयोगी, कुराली। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर हलका श्री आनंदपुर साहिब में सरगर्मियों के बीच जहां चुनावी बिसात बिछ चुकी है वहीं विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों को विरोधी कैंडिडेट के अलावा अपने वर्कर्स की आपसी खींचतान का भी सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेसी प्रत्याशी मनीष तिवारी के विधानसभा हलका खरड़ में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं एवं नेता तीन गुटों में विभाजित होकर प्रचार कर रहे हैं। वहीं अकाली दल का दो गुटों में बंटने का खामियाजा इनके उम्मीदवारों प्रेम सिंह चंदूमाजरा (बादल) तथा बीर दविंदर सिंह (टकसाली) को भुगतना पड़ रहा है। बरसों एकजुट रहे अकाली वर्कर्स एवं लीडर्स अब इस कदर एक-दूसरे पर हावी हैं कि अकाली दल बादल टकसालियों को और टकसाली दल अकाली दल के उम्मीदवार को पटखनी देने के लिए हर जुगत लड़ा रहे हैं। 

अपनों ने ही अकाली दल को लगाई सेंध
बीते लोकसभा चुनावों में हलका खरड़ क्षेत्र में अकाली दल के एकजुट होने से उन्हें सफलता मिली और अकाली अकाली दल के उम्मीदवार प्रेम सिंह चंदूमाजरा कांग्रेस की दिग्गज उम्मीदवार अंबिका सोनी को हरा हलका श्री आनंदपुर साहिब सीट से सांसद बने थे। लेकिन अबकी बार लोकसभा चुनाव में अकाली दल में एकजुटता की कमी के चलते वह बात नहीं रही जिसकी मुख्य वजह अकाली दल बादल से खफा चल रहे उनके अहम वर्कर्स एवं लीडर्स अकाली दल से अलग होकर अकाली दल टकसाली पार्टी का गठन करना रहा। हलका श्री आनंदपुर साहिब सीट से अकाली दल बादल ने प्रेम सिंह चंदूमाजरा पर ही दोबारा भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा जबकि नवगठित अकाली दल टकसाली पार्टी ने दिग्गज नेता बीर दविंदर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। अब हालत यह हैं कि अकाली दल बादल के समर्थक टकसालियों के उम्मीदवार और अकाली दल टकसाली के समर्थक अकाली दल बादल के प्रत्याशी को धूल चटाने की कोशिश में हैं।

तीन खेमों में बंटे कांग्रेसी कर रहे प्रचार
हलका खरड़ क्षेत्र में कांग्रेसी लीडर्स एवं वर्कर्स एक दूसरे से मनमुटाव एवं खींचतान के चलते तीन खेमों में बंट कर उम्मीदवार मनीष तिवारी का चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं। पहला खेमा कंग से खफा हलके के टकसाली कांग्रेसी लीडर्स एवं वर्कर्स का है जो पूर्व मंत्री जगमोहन सिंह कंग के साथ अनबन के चलते उनके साथ प्रचार प्लेटफॉर्म शेयर नहीं करना चाहते। दूसरा खेमा कंग ग्रुप का है जो तिवारी के तूफानी प्रचार में लगा है जिसकी मुख्य वजह तिवारी की जीत के साथ अपनी सरदारी को कायम रखना है। वहीं तीसरा खेमा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पूर्व ओएसडी लखविंदर कौर गरचा का है जिनके पास हलका खरड़ क्षेत्र में समर्थकों का बड़ा वोट बैंक है और कुछ दिन पहले ही गरचा ग्रुप ने तिवारी को समर्थन देने की घोषणा करते हुए उनका जोरशोर से प्रचार शुरू किया है। इसके तहत शनिवार को गरचा ने तिवारी के पक्ष में विशाल रोड शो निकाला और लोगों से तिवारी के पक्ष में वोट की अपील की।

तिवारी को मिल सकता है फायदा
पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से जहा गाहे-बगाहे उम्मीदवार के आने पर बड़ी सभाओं का आयोजन किया जाता था वहीं इस बार तीन खेमों में विभाजित कांग्रेसी लीडर्स एवं वर्कर्स नुक्कड़ मी¨टग एवं डोर-टू-डोर कैंपेन पर जोर दे रहे हैं। पहले जहां उम्मीदवार के पक्ष में एक जगह ही प्रचार संभव हो पता था वहीं अब एक ही समय में विभिन्न स्थानों पर तिवारी का प्रचार हो रहा है, तिवारी को इसका फायदा मिल सकता है। आम आदमी पार्टी को लगाना होगा जोर हलका श्री आनंदपुर साहिब सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार नरेंदर सिंह शेरगिल को अपने समर्थकों का पूरा साथ मिल रहा है और वह अपने लेवल पर भी चुनाव प्रचार में जुटे हैं। लेकिन आप का दौर पहले से फीका दिखाई पड़ता है। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जनता एवं क्षेत्र में आप की तूफानी लहर जैसी बात अब दिखाई नहीं दे रही। आम आदमी पार्टी के वर्कर्स एवं लीडर्स को ग्राउंड लेवल पर जोर लगाना होगा तभी वो विरोधी पार्टियों के उम्मीदवारों को टक्कर देने में सक्षम हो सकते है।

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