पीयू के डेली वेज कर्मचारियों ने मांगा समान वेतन, सिंडीकेट से पहले रखी अपनी मांग
पीयू के 100 के करीब कर्मचारियों को डीए और ग्रेड पे (जीपी) का लाभ नहीं मिल रहा है जबकि इस मामले में कानूनी तौर पर भी उनके हक में फैसला आ चुका है।
चंडीगढ़ [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। पंजाब यूनिवर्सिटी में वर्षों से अस्थायी तौर (डेली वेज) पर काम कर रहे कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी की मांग लेकर विरोध शुरू कर दिया है। लंबे समय से यह कर्मचारी पीयू प्रशासन से पीयू में ही काम कर रहे अन्य कर्मचारियों की तरह नियमों के तहत वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। 100 के करीब कर्मचारियों को डीए और ग्रेड पे (जीपी) का लाभ नहीं मिल रहा है जबकि इस मामले में कानूनी तौर पर भी उनके हक में फैसला आ चुका है। कई कर्मचारी 10 से 15 सालों से पंजाब यूनिवर्सिटी में सेवाएं दे रहे हैं। जानकारी अनुसार कुछ कर्मचारियों को डीए और जीपी का लाभ दिया जा रहा है जबकि कुछ इससे वंचित हैं।
शनिवार पीयू के प्रशासनिक ब्लाॅक के सामने डेलीवेज कर्मचारियों ने वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर पहले वीसी प्रो.राजकुमार और फिर सिंडीकेट सदस्यों को ज्ञापन भी दिया। कर्मचारियों का कहना है कि पीयू में ही दूसरे विभागों में उनके बराबर के कर्मचारियों को उनसे अधिक वेतन दिया जा रहा है। डीए और जीपी अलाउंस नियमों के तहत नहीं मिल रहा। वीसी को लिखी चिट्ठी में कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें हर महीने फिक्स वेतन दिया जा रहा है जबकि कुछ कर्मचारियों को डीए और जीपी ग्रेड पे के हिसाब से वेतन मिल रहा है।
काम बराबर तो वेतन भी समान हो
पुसा प्रधान दीपक कौशिक ने भी डेली वेज कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया है। दीपक कौशिक ने कहा कि इन कर्मचारियों को भी बेसिक पे और अन्य भत्ते दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर काम समान है तो वेतन भी बराबर होना चाहिए। पीयू में कर्मचारियों के साथ पूरी तरह भेदभाव हो रहा है। डेली वेज कर्मचारियों से अतिरिक्त समय में भी काम लिया जाता है, फिर भी उन्हें वेतन फिक्स दिया जा रहा है। डेली वेज कर्मचारियों को मंजूरी पदों पर ही नियुक्ति दी गई है।
शूटिंग के कारण लाइब्रेरी बंद
पंजाब यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी में शनिवार को हिंदी फिल्म की शूटिंग चल रही थी। सुबह 4 बजे से लाइब्रेरी को बंद कर दिया। परीक्षा का समय होने के कारण कई स्टूडेंट्स ने फिल्म की शूटिंग को लेकर विरोध भी किया। काफी हंगामे के बाद स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी में एंट्री करने दी गई।
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पीयू में 10 से 15 वर्षों से डेलीवेज कर्मचारी बजट पोस्ट के तहत नियुक्त हैं, लेकिन वेतन के मामले में कुछ कर्मचारियों के साथ भेदभाव हो रहा है। पीयू स्टैंडिंग काउंसिल की ओर से भी इन कर्मचारियों को संशोधित वेतन देने की सिफारिश की गई है। वीसी और सिंडीकेट सदस्यों ने मामले में सकारात्मक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।
-दीपक कौशिक, प्रेसीडेंट पंजाब यूनिवर्सिटी नॉन टीचिंग एसोसिएशन।
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