शिक्षक चुनाव और पेपर चेकिंग में दे रहे ड्यूटी, सिलेबस में पिछड़े डेढ़ लाख स्टूडेंट्स
ऐसा पहली बार है जब नया सत्र शुरू होते ही एक हजार टीचर अलग-अलग डिपार्टमेंटों में ड्यूटी दे रहे हैं। शिक्षा विभाग के पास मात्र 3800 टीचर हैं जिसमें से नौ सौ की चुनाव में ड्यूटी है।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। शहर के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 25 प्रतिशत टीचर इलेक्शन, पेपर चेकिंग, पीसा एग्जाम की तैयारी में जुटे हुए हैं। ऐसे में स्कूलों में पढ़ने वाले डेढ़ लाख स्टूडेंट्स सिलेबस में पिछड़ रहे हैं। शिक्षा के नाम पर स्कूलों में बच्चों को कुछ भी पढ़ाया नहीं जा रहा है। बच्चे सुबह के समय स्कूल आ रहे हैं और दोपहर को मिड-डे मील खाकर वापस चले जाते हैं। ऐसा पहली बार है, जब नया सत्र शुरू होते ही शहर के एक हजार टीचर अलग-अलग डिपार्टमेंटों में ड्यूटी दे रहे हैं। शिक्षा विभाग के पास मात्र 3800 टीचर हैं, जिसमें से नौ सौ टीचर्स की ड्यूटी लगी हुई है।
जून में हो जाएंगी एक महीने की छुट्टियां
23 मई तक लोकसभा चुनाव, दसवीं और बारहवीं कक्षा का परिणाम आने तक ये टीचर्स स्कूलों में नहीं आ पाएंगे। उसके बाद जून में एक महीने की छुट्टियां हो जाएंगी। ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी है कि एक साल का सिलेबस स्टूडेंट्स नौ महीने में कैसे पूरा करेंगे।
पांच सौ टीचर्स दे रहे है पेपर चेकिंग में ड्यूटी
दसवीं और बारहवीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम वाले पेपर को चेक करने के लिए हर स्कूल से औसतन सात से दस टीचर लगे हुए हैं। ये टीचर सुबह नौ से शाम पांच बजे तक पेपर चेकिंग की ड्यूटी देते हैं और इस दौरान वे किसी क्लास को पढ़ाते नहीं है। इस काम के लिए पांच सौ टीचर्स की ड्यूटी लगी हुई है। इलेक्शन ड्यूटी में बीएलओ की दे रहे हैं ड्यूटी पेपर के अलावा लोकसभा चुनाव के लिए टीचर्स की ड्यूटी लगी हुई है। जिसमें 150 टीचर्स को बीएलओ लगाया गया है। नए बन रहे वोटों को वेरिफाई करने का काम बीएलओ कर रहे हैं। हर रोज नए वोटर्स को ढूंढ़ना, यदि किसी ने चुनाव विभाग में अप्लाई किया है, तो उसकी वेरिफिकेशन करने का काम बीएलओ का है।
पीसा एग्जाम की तैयारी में जुटे हैं टीचर्स
वर्ष 2021 में पीसा का एग्जाम होना है। जिसमें लिए भारत से चंडीगढ़ के स्टूडेंट्स ने प्रतिनिधित्व करना है। उसके लिए हर स्कूल के दो से तीन टीचर्स की ड्यूटी लगी हुई है। पीसा के लिए लांच किए गए फीनेक्स एप में स्टूडेंट्स की जानकारी को अपडेट करना, उनकी डे-टू-डे एक्टिविटी को मोबाइल फोन पर अपडेट करने का काम टीचर्स कर रहे हैं। यह टीचर्स भी रोजाना क्लास नहीं लगा पा रहे हैं, मात्र फाइलों तक ही सीमित हैं।
वेलनेस प्रोग्राम के तहत नहीं कराई जा रही पढ़ाई
एक तरफ जहां पर टीचर्स की ड्यूटी लगी हुई है, वहीं, विभाग ने वेलनेस प्रोग्राम शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत 22 अप्रैल तक किसी भी स्टूडेंट्स को नई पढ़ाई नहीं कराई जाएगी। पिछले साल की पढ़ाई को ही दोबारा से रीवाइज्ड कराया जाएगा। ऐसे में नई क्लास का सिलेबस शुरू ही नहीं हो पाया है। ऐसे में परेशानी है कि आखिर बच्चे इस साल की पढ़ाई पूरी कैसे करेंगे।
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