अस्पताल में नजरों के सामने तिरंगा देख इस हॉकी लीजेंड ने कहा, मेरे लिए तो यह जिंदगी है
दुनिया के बेस्ट सेंट्रल फॉरवर्ड बलवीर सिंह सीनियर ने पीजीआई से तिरंगे की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि कुछ के लिए सम्मान है, कुछ लिए यह प्ररेणा हो सकता है, कुछ के लिए यही जिंदगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। तीन बार ओलंपियन गोल्ड जीतने वाली हॉकी टीम का हिस्सा रहे बलबीर सिंह सीनियर ने 95 साल की उम्र में एक बार फिर जीत हासिल की है। इस बार जंग थी ब्रॉन्कियल निमोनिया के विरुद्ध, जिसमें वह विजयी रहे हैं। 108 दिन तक पीजीआई में भर्ती रहने के बाद अब वे अपने घर पहुंच गए हैं। इलाज के दौरान उन्हें हिम्मत दी उस तिरंगे ने जो हमेशा उनकी खिड़की पर उनकी नजरों के सामने रहता था। दुनिया के बेस्ट सेंट्रल फॉरवर्ड ने पीजीआई से एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि कुछ के लिए सम्मान है, कुछ लिए यह प्ररेणा हो सकता है, कुछ के लिए यही जिंदगी।
तिरंगे की शान में लिखे गए ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर के ये शब्द हर किसी के दिल को छू गए हैं। उनकी बेटी सुशबीर ने बताया कि हमें मालूम है कि पिता के जीवन में तिरंगे की क्या अहमियत है। इसलिए हमने उनके स्वास्थ्य में सुधार की कामना से उनकी नजरों के सामने तिरंगा लगा दिया था। यह तिरंगा हमेशा उनकी आंखों के सामने रहता था। इससे वह जल्द स्वस्थ होने लगे। उन्होंने कहा कि यह सोचने में अजीब है लेकिन तिरंगे में सच में शक्ति है। हमने यह महसूस की है।
सुशबीर ने अपने पिता के प्रशंसकों का अाभार व्यक्त किया। दैनिक जागरण से बातचीत में सुशबीर ने कहा कि इस कठिन समय में बलबीर सिंह सीनियर के प्रशंसकों के लगातार फोन आते रहे। यह सब लोग उनकी सेहत के लिए काफी चिंतित थे। उनके पिता की घर वापस में पीजीआई के डॉक्टरों सहित उनके प्रशंसकों की भी दुआओं का खास असर है।