पंजाब यूनिवर्सिटी में फन फैलाए घूम रहे कोबरा
पंजाब यूनिवर्सिटी में पिछले एक महीने चार कोबरा पकड़े जा चुके हैं। बरसात के मौसम में सबसे सांप रिहायशी एरिया में निकल रहे हैं।
डॉ. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में पिछले एक महीने चार कोबरा पकड़े जा चुके हैं। बरसात के मौसम में सबसे सांप रिहायशी एरिया में निकल रहे हैं। ये सिलसिला लगातार जारी है। बुधवार को रात 9 बजे गौरव वर्मा के घर रात तो एक कोबरा निकला तो परिवार दशहत में आ गया और तुरंत सांप पकड़ने के लिए किसी को बुलाया गया। 18 सितंबर को लाइब्रेरी में कार्यरत डॉ. सुमन सुम्मी के घर के बाहर करीब 12 फीट ऊपर पेड़ पर रैट स्नैक चढ़ा था। कुछ दिन पहले टीचर्स फ्लैट में जानलेवा रसैल वाइपर मिला। फैकल्टी रात को गार्डन या बाहर निकलने में भी घबरा रही हैं। पेड़ व ज्यादा वनस्पति वाली जगह सांप ज्यादा निकल रहे हैं। यूआइईटी में दस दिन पहले खतरनाक क्रैट स्नैक मिला। ये सिलसिला लगातार जारी है। ज्यादातर सांप रात को ही निकल रहे हैं। कोबरा के अलावा अन्य खतरनाक प्रजाति के भी सांप निकल रहे हैं। इनमें कॉमन क्रैट, रसैल वाइपर और कॉमन वोल्फ स्नैक भी पकड़े गए हैं। डसे पर जाने पर ये जानलेवा हो सकते हैं। पिछले एक महीने में करीब कोबरा समेत खतरनाक प्रजाति के 30 से ज्यादा सांप पकड़े जा चुके हैं। पीयू में सांप पकड़े जाने के लिए कई लोग मशहूर हैं। इनमें शिक्षकों से लेकर मैस वर्कर व उनके परिजन हैं। कोबरा और रसैल वाइपर हैं जानलेवा
करीब एक महीने में चार कोबरा पकड़े जा चुके हैं। इनके अलावा 3 से 5 रसैल वाइपर पकड़े जा चुके हैं। इनके डसने पर जान तक जा सकती है। इस में मौसम में रिहायशी एरिया में ये लगातार सामने आ रहे हैं। इनके अलावा कॉमन क्रेट भी पकड़े गए हैं, इनकी संख्या भी 3 से 6 है। साथ में रैट स्नैक भी आधा दर्जन से ज्यादा पकड़े जा चुके हैं। बायोडाइवर्सिटी ग्रुप कर रहा है इस दिशा में काम
पीयू पक्षियों व जानवरों के बचाव की दिशा में बायोडाइवर्सिटी ग्रुप काम कर रहा है। ग्रुप में कई मेंबर हैं, जो सांप व अन्य जीवों को बचाने के लिए काम करते हैं। ग्रुप के तरफ से सांप पकड़ने के लिए कुछ सदस्यों लगाया गया है। उनको सांप पकड़ने के लिए जरुरी हुक व ग्रिप वाली स्टिक भी दी गई हैं। टीचर से लेकर मैस वाले भी सांप पकड़ने में माहिर
पीयू में सांप पकड़ने में टीचर्स से लेकर मैस वर्कर तक माहिर हैं। इनमें यूसोल के एजुकेशन विभाग में तैनात डॉ. जीसू भी सांप पकड़ते हैं और सुरक्षित तरीके से इसको पकड़कर फॉरेस्ट विभाग को सौंपते हैं। इनके अलावा मैस में एक पिता-पुत्र की जोड़ी है। जीवन और उसका बेटा रोहित सांप पकड़ते हैं। वो इस काम के लिए 500 से 700 रुपये तक लेते हैं। रात को सांपों की फोटोग्राफी मैस कर्मी का पोता करता है
यह भी पता चला है कि जहां भी सांप निकलता है, वहीं 10वीं की पढ़ाई कर रहा दीक्षांत को सांपों की फोटोग्राफी का शौक है। उसकी दादी पीयू के गर्ल हॉस्टल में काम करती है। उसने बताया कि पिछले एक महीने में कई कोबरा पकड़े गए हैं। रैट स्नैक व रसैल वाइपर भी लगातार सामने आ रहे हैं। ज्यादातर रात को ही बाहर आते हैं। तीन घंटे में रैट स्नैक गाड़ी से निकला
पीयू में 6 सितंबर को चुनावों के दिन जिम्नेजियम हाल के पास गाड़ी में सांप जा घुसा और करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद सांप को पकड़ा जा चुका। सांप को पकड़ने के लिए स्नैक कैचर्स, पुलिस और फॉरेस्ट विभाग की टीम भी बुलाई गई।