कैथल के विक्रम के फेफड़े मुंबई के हास्पिटल में बुजुर्ग में किए ट्रांसप्लांट, PGI ने 4 लोगों को बचाया
विक्रम के अंगदान से पीजीआइ ने चार लोगों की जिंदगी बचाई वहीं दो अन्य लोगों की आंखों की रोशनी लौटाकर उन्हें नया जीवन दिया। इस अंगदान का फैसला मृतक विक्रम के पिता गजे सिंह ने किया। 66 साल के एक बुजुर्ग में फेफड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हरियाणा के जिला कैथल के गांव बाटा कलायत के रहने वाले 18 साल के विक्रम की सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक विक्रम के मां-बाप ने इस दुख की घड़ी में अंगदान का फैसला किया। विक्रम के फेफड़ों को ग्रीन कारिडोर बनाकर मुंबई के सर एचएन रिलायंस हास्पिटल में 66 साल के एक बुजुर्ग में फेफड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया। यह बुजुर्ग बीते कई दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था।
विक्रम के अंगदान से पीजीआइ ने चार लोगों की जिंदगी बचाई, वहीं दो अन्य लोगों की आंखों की रोशनी लौटाकर उन्हें नया जीवन दिया। इस अंगदान का फैसला मृतक विक्रम के पिता गजे सिंह ने किया।
पीजीआइ ने 100 लिवर ट्रांसप्लांट का खिताब बनाया
विक्रम के अंगदान से पीजीआइ ने 100 लिवर ट्रांसप्लांट का खिताब हासिल किया। पीजीआइ ने वर्ष 2011 में लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की शुरुआत की थी। अब तक पीजीआइ 100 मृत मरीजों के लिवर ट्रांसप्लांट कर चुका है। पीजीआइ निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने बताया कि डोनर विक्रम को हमेशा याद रखा जाएगा, उसके अंगदान से ही पीजीआइ ने 100 लिवर ट्रांसप्लांट का खिताब हासिल किया है। पीजीआइ अब तक अस्पताल में 69 लिवर और 31 लिवर पीजीआइ से बाहर अन्य राज्यों के अस्पताल में ट्रांसप्लांट के लिए दे चुका है।
23 सितंबर को विक्रम के साथ हुआ था सड़क हादसा
बीते 23 सितंबर को विक्रम के साथ सड़क हादसा हुआ था। विक्रम बाइक में पेट्रोल भरवाने के लिए गांव के नजदीक पेट्रोल पंप पर पैदल ही बाइक लेकर जा रहा था, इस बीच एक तेज रफ्तार आटो चालक ने पीछे से विक्रम को टक्कर मार दी। विक्रम के सिर पर गहरी चोटें आई। एक निजी अस्पताल ने 23 सितंबर की शाम को उसे पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर किया गया। 25 सितंबर को पीजीआइ के डाक्टरों की लाख कोशिशों के बावजूद उसे ब्रेड डेड घोषित कर दिया गया। 26 सितंबर को मुंबई में मरीज को फेफड़ा किया ट्रांसप्लांट अंगदान के फैसले के बाद ग्रीन कारिडोर के जरिए फेफड़ों को मुंबई के सर एचएन रिलायंस हास्पिटल पहुंचाया गया। गो फास्ट एयरलाइंस की मदद से मोहाली स्थित चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 25 सितंबर को सुबह 11 बजे मुंबई एयरपोर्ट के लिए लंग्स पहुंचाए गए, जो मुंबई के हास्पिटल में 26 सितंबर को सुबह 11.30 बजे 66 साल के बुजुर्ग में ट्रांसप्लांट किया गया।