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14 नगर कौंसिलों ने वैट काटे बिना कर दी ठेकेदारों की पेमेंट

-कैग और पंजाब विधानसभा समिति की पड़ताल में सामने आई जानकारी -प्रदेश सरकार के खजाने को

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 12:17 AM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 12:17 AM (IST)
14 नगर कौंसिलों ने वैट काटे बिना कर दी ठेकेदारों की पेमेंट
14 नगर कौंसिलों ने वैट काटे बिना कर दी ठेकेदारों की पेमेंट

-कैग और पंजाब विधानसभा समिति की पड़ताल में सामने आई जानकारी

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-प्रदेश सरकार के खजाने को 30 लाख रुपये से अधिक का नुकसान

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जय सिंह छिब्बर, चंडीगढ़: पंजाब की 14 नगर कौंसिलों ने ठेकेदारों को वैट की पूरी राशि काटे बिना अदायगी कर दी। इससे सरकारी खजाने को 30 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। राशि के आकड़े सिर्फ 14 नगर कौंसिलों के साल 2012 से 2014 के दौरान की गई पड़ताल से सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य की बहुत सी नगर कौंसिलों ने ठेकेदारों, सोसायटियों को किए गए काम का भुगतान करते समय वैट और लेबर वेलफेयर फंड की राशि नहीं काटी है।

कैग और पंजाब विधानसभा समिति की पड़ताल में स्थानीय निकाय विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि स्थानीय निकाय विभाग में बड़े स्तर पर ग्राट का हेरफेर हुआ है। विधानसभा के बजट सेशन के दौरान समिति की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट से सामने आया है कि पंजाब सरकार ने ठेकेदारों के बिलों में वैट की कटौती चार फीसद से बढ़ा कर पांच व छह फीसद कर दी थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 9 शहरी स्थानीय संस्थाओं ने (अप्रैल 2013 से मार्च 2014) 136 मामलों में नवंबर 2011 से फरवरी 2013 के बीच ठेकेदारों को भुगतान करते समय वैट पांच फीसद की बजाय चार फीसद की दर के साथ काटा है। इससे 11.33 लाख की कम कटौती की गई है।

इसी तरह समिति ने 5 और स्थानिक संस्थाओं के सितंबर 2014 से फरवरी 2015 की पड़ताल से पता लगा है कि 93 मामलों में अप्रैल 2011 से अगस्त 2014 तक ठेकेदारों को किए भुगतान में 18.77 लाख रुपये की कम कटौती की है। इस तरह 14 नगर कौंसिलों की तरफ से किए गए भुगतान पर 30.10 लाख रुपये का कम वैट काटा गया। इन कौंसिलों ने की गड़बड़ी

नगर कौंसिल- साल- केस- वैट की कटौती (लाखों में)

बटाला दिसंबर 2011 7 0.45

भुच्चो मंडी फरवरी, नवंबर 12 10 1.64

गुरदासपुर नवंबर 11-अक्टूबर 15 1.11

खमाणों दिसंबर11-जनवरी 12 3 0.17

मुक्तसर दिसंबर 11-अगस्त 25 1.90

नंगल नवंबर-मार्च 12 38 3.00

संगरूर दिसंबर 11-फरवरी 18 1.34

सरहिंद फरवरी-अगस्त 8 0.81

तलवंडी साबो दिसंबर 11-फरवरी 12 0.91

होशियारपुर 1/13 -3/13 11 5.44

दीनानगर 4/12 -4/14 30 6.77

मौड़ 4/11 -3/14 18 1.35

साहनेवाल 8/11 -8/14 3.79

नवाशहर 10 /11 -11 /13 34 1.42

कमेटी ने मांगी पूरे राज्य की रिपोर्ट

समिति ने राज्य की सभी नगर कौंसिलों से वैट की कटौती करने के बारे में रिपोर्ट मांगी है कि कितनी राशि रिकवरी योग्य थी और अब तक कितनी रिकवर की गई है। डायरेक्टर स्थानीयनिकाय विभाग ने समिति को बताया कि सभी संस्थाओं की तरफ से रिकवरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारियों की जिम्मेवारी फिक्स हो

सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर नौजवानों, गरीबों, महिलाओं को रोजगार मुहैया करवाने में मदद करन वाले प्रसिद्ध समाज सेवी और आर्थिक माहिर रेशम सिंह का कहना है कि सरकार को अधिकारियों, कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब तक कर्मचारियों, अधिकारियों की जेब में से रिकवरी करने की कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक दफ्तरी कारगुजारी में सुधार नहीं लाया जा सकता।


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