सीटीयू के बेड़े में शामिल होंगी 120 नई बसें
जासं, चंडीगढ़ : मेट्रो और मोनो रेल के खेल में शहर के बिगड़ते ट्रांसपोर्ट सिस्टम को स
जासं, चंडीगढ़ : मेट्रो और मोनो रेल के खेल में शहर के बिगड़ते ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुधारने का काम प्रशासन ने शुरू कर दिया है। बड़े विकल्प की बजाए छोटे-छोटे प्रयास से पब्लिक ट्रांसपोर्ट और ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा। इसी के तहत चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और बेहतर करने के लिए नई बसों की खरीद शुरू कर दी है। इसके तहत कुल 120 बसें खरीदी जाएंगी। इसमें 40 बसें ऑर्डिनरी और 80 बसें हीटिंग वेंटिलेशन एंड एयरकंडीशनिंग (एचवीएसी) खरीदी जाएंगी।
इन बसों को खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इनमें से एचवीएसी बसों को लांग रूट पर उतारा जाएगा। जबकि सिटी सर्विस में भी बसों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। इन बसों के आने के बाद सीटीयू की बसों की संख्या 500 के पार पहुंच जाएगी। अभी सीटीयू की 392 बसें हैं। कुछ बसें रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के कारण वर्कशॉप में रहती हैं। जबकि रोजाना 350 के करीब सड़कों पर उतरती हैं। बसों का इंतजार होगा कम
कई रूटों पर अभी भी सीटीयू की बसों का लंबा इंतजार करना पड़ता है। पेरीफेरी और शहर के साथ लगते एरिया में बसों का 30 से 40 मिनट तक भी इंतजार करना पड़ता है। जबकि इस फ्रीक्वेंसी को सात मिनट करने का कई सालों से प्रयास हो रहा है, लेकिन यह आधे घंटे से कम नहीं हो रहा है। अब नई बसें आने के बाद सिटी सर्विस में बसों की संख्या बढ़ने से यह इंतजार कम हो सकता है। लग्जरी बसों के लिए टेंडर फिर से
साल भर से चंडीगढ़ सुपर लग्जरी बसें खरीदने का प्रयास कर रहा है। कई बार टेंडर करने के बाद भी कोई कंपनी यहां सुपर लग्जरी बसें चलाने को तैयार नहीं है। सीटीयू के पास अभी एक भी लग्जरी बस नहीं हैं। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की लग्जरी बसें इसका खूब फायदा उठा रही हैं। सीटीयू ने 6 बसें प्रति किलोमीटर स्कीम के तहत चलाने का प्रस्ताव तैयार कर टेंडर जारी किया था। लेकिन कई बार टेंडर करने के बाद भी कंपनी फाइनल नहीं हो सकी। इस बार भी टेंडर के लिए सिर्फ एक कंपनी ने आवेदन किया। जबकि कम से कम तीन कंपनियों का होना आवश्यक है। उनमें से किसी एक को फाइनेंशियल बिड के बाद चुना जाना है।