शहर के क्लबों की महिलाओं का संकल्प, नए वर्ष पर करेंगी जागरूकता कार्यक्रम
महिला उत्थान को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में महिला सशक्तिकरण के कार्यों में तेजी भी आई है।
ज्योति बबेरवाल, ब¨ठडा : महिला उत्थान को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में महिला सशक्तिकरण के कार्यों में तेजी भी आई है। इन्हीं प्रयासों के कारण महिलाएं खुद को अब जंजीरों से मुक्त करने की हिम्मत करने लगी हैं। सरकार नई-नई योजनाएं बना रही हैं, कई एनजीओ भी महिलाओं के अधिकारों के लिए अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं, जिससे महिलाएं बिना किसी सहारे के हर चुनौती का सामना कर सकने के लिए तैयार हो सकती हैं। आज की महिलाओं का काम केवल घर-गृहस्थी संभालने तक ही सीमित नहीं है, वे अपनी उपस्थिति हर क्षेत्र में दर्ज करा रही हैं। चाहे बिजनेस हो या परिवार, महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वे हर वह काम करके दिखा सकती हैं। ऐसी ही मिसाल शहर की महिलाओं ने भी दी है, जो विभिन्न संस्थाएं बनाकर लोगों की मदद ही नहीं कर रही, महिलाओं को जागरूक भी कर रही हैं।
महिलाओं ने नव वर्ष पर लिया संकल्प
ऑफिसर वाइव्स क्लब की प्रधान व ब¨ठडा के डीसी परनीत भारद्वाज की पत्नी अनीता भारद्वाज ने बताया कि क्लब की ओर से सोशल कार्य करवाए जाएंगे। जिसके लिए फैसला लिया गया है कि क्लब नए वर्ष में महिलाओं व बच्चों को अवेयर करने का कार्य करेगा। वहीं स्लम ऐरिया में जाकर बच्चों को उनकी जरूरत के हिसाब से कपड़े, बूट आदि देने का प्रबंध किया जाएगा।
इनरव्हील क्लब सेंट्रल की प्रधान अंजू ¨सगला ने बताया कि नर्व वर्ष पर क्लब की ओर से लेडीज के लिए स्पोर्ट्स मेला करवाया जाएगा। जिसमें लेडीज की गेम्स करवाई जाएगी। इसके साथ ही एलिमेंट्री स्कूल को अडॉपट करने का सोच रहे हैं। इसके अलावा हमारी कोशिश रहेगी कि बच्चों की पढ़ाई में मदद की जा सके। इनरव्हील क्लब शाइन की प्रधान ललीता आहुजा ने बताया कि हम अपने क्लब की ओर से पहले तो मुफ्त ब्यूटी पार्लर कोर्स करवा रहे हैं। इस दौरान जो लड़की पार्लर का काम सिखना चाहती है, उसको मुफ्त ट्रे¨नग दी जाएगी। इसके अलावा युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से सेल्फ डिफेंस ट्रै¨नग कोर्स चलाए जाएंगे। नारी शक्ति क्लब की प्रधान ममता अरोड़ा ने कहा कि नए वर्ष में क्लब की ओर से बच्चों को पढ़ाने संबंधी जागरूक किया जाएगा। जिसके चलते स्लम एरिया के बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए कपड़े, बैग, किताबें आदि दिए जाएंगे। इसके अलावा महिलाएं व बच्चों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम करवाए जाएंगे। इनरव्हील क्लब ब¨ठडा की प्रधान डॉ. निधी ने बताया कि रेड क्रॉस के महंत गुरबंता दास डेफ एंड डब स्कूल को ¨प्र¨टग मशीन दी जाएगी। बच्चों में कॉपिया पेंसिल, वर्दी आदि भेंट करेगें। महिलाओं को स्वै रोजगार प्रति जागरूक करने के लिए सेमिनार करवाए जाएंगे। तांकि महिलाएं अपने घर में बैठे बैठे कुछ भी काम र्य कर सकें। देवता यादगारी मंच की प्रधान परमजीत कौर ने कहा कि क्लब की ओर से स्वै रोजगार कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं के हाथ से बनी वस्तुओं को पेश किया जाएगा। उन्हें जागरूक किया जाएगा कि हाथ से बनी वस्तुओं से भी हम अपना रोजगार चला सकते हैं। इसके अलावा महिलाओं को हर काम के लिए जागरूक किया जाएगा।
यह है दुखद बात
महिलाओं को जैसे ही उन्हें शिक्षा मिली, उनकी समझ में वृद्धि हुई। खुद को आत्मनिर्भर बनाने की सोच और इच्छा उत्पन्न हुई। शिक्षा मिल जाने से महिलाओं ने अपने पर विश्वास करना सीखा और घर के बाहर की दुनिया को जीत लेने का सपना बुन लिया और किसी हद तक पूरा भी कर लिया। वहीं इसमें एक दुखद बात यह भी है कि यह योजनाएं केवल शहरों तक ही सिमटकर रह गई हैं। एक ओर बड़े शहरों और मेट्रो सिटी में रहने वाली महिलाएं शिक्षित, आर्थिक रुप से स्वतंत्र, नई सोच वाली, ऊंचे पदों पर काम करने वाली महिलाएं हैं, जो पुरुषों के अत्याचारों को किसी भी रूप में सहन नहीं करना चाहतीं। वहीं दूसरी तरफ गांवों में रहने वाली महिलाएं हैं जो ना तो अपने अधिकारों को जानती हैं और ना ही उन्हें अपनाती हैं।