इस मशहूर लेखिका ने महिला MPs के बारे में कह दी सनसनीखेज बात, दिया UN रिपोर्ट का हवाला
पंजाब की जानी मानी लेखिका डा. हरशिंदर कौर ने महिला सांसदों के बारे में सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि विश्व की 85 फीसद महिला सांसद उत्पीड़न की शिकार हैं।
बठिंडा, जेएनएन। भारत की 100 प्रभावशाली महिलाओं में शुमार समाजसेवी व लेखिका डॉ. हरशिंदर कौर ने संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की रिपोर्ट के हवाले से चौंकाने वाली बात कही है। उन्होंने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि विश्व में सिर्फ आम महिलाएं ही नहीं बल्कि महिला सांसद भी मानसिक प्रताडऩा व सेक्सुअल कमेंटिंग का शिकार हैं। विश्व में 85 फीसद महिला सांसद इसकी शिकार हैं।
प्रसिद्ध लेखिका डॉ. हरशिंदर कौर ने कहा- विश्व की 85 फीसद महिला सांसद सेक्सुअल कमेंटिंग की शिकार
बठिंडा पहुंची लेखिका ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूएनओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व की 85 फीसद महिला सांसदों को भी प्रताडऩा का सामना करना पड़ता है। उन्हें दुष्कर्म व जान से मारने तक की धमकियां मिली हैं। धमकियां देने वालों में महिला सांसदों की अपनी ही पार्टी के 75 फीसद लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं को उनके हक दिलाने वाली सांसद महिलाएं ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम महिलाओं की स्थिति क्या होगी, इस बारे में अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है।
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70 फीसद महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार
भ्रूण हत्या के खिलाफ चलाए गए अभियान के कारण विशेष पहचान बना चुकीं डॉ. कौर ने बताया कि विश्व में 35 फीसद महिलाएं शारीरिक प्रताड़ना का शिकार हो रही हैं। 70 फीसद महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हैं। घरेलू हिंसा का शिकार होने वाली महिलाओं के 100 फीसदी बच्चे आगे हिंसा करते हैं।
उन्होंने कहा कि 2017 में विश्वभर में 87 हजार महिलाओं की हत्या की गई। इनमें से 58 फीसद को उनके अपने करीबी रिश्तेदारों ने ही मौत के घाट उतारा। इसके हिसाब से विश्वभर में 137 महिलाओं की हर रोज अपनों द्वारा हत्या की गई। 23 फीसदी अंडर ग्रेजुएट छात्राओं के साथ भी छेड़खानी की गई। कामकाजी महिलाओं पर किए गए सर्वेक्षण में महिलाओं में से 39 फीसद ने माना कि उनके साथ काम वाली जगह पर ज्यादती हुई है।
डब्ल्यूसीसी ने पूछा- गुरु नानक देव ने कैसे दिया महिलाओं को बड़ा रुतबा
उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्हें जिनेवा में वल्र्ड काउंसिल ऑफ चर्चिज (डब्ल्यूसीसी) की तरफ से सिख फिलॉसफी पर विचार देने के लिए आयोजित विशेष सेमिनार में आमंत्रित किया गया है। डब्ल्यूसीसी ने यह जानने की इच्छा प्रकट की है कि श्री गुरु नानक देव जी ने कैसे महिलाओं को इतना बड़ा रुतबा दिया, जबकि उस समय तो महिलाओं की हालत काफी खराब थी।
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उन्होंने कहा कि गुरु जी ने महिलाओं को पुरुषों को बराबर के अधिकार दिए। उस समय महिला पर्दे में से निकल कर खड़ी हो सकी थीं और दूसरे धर्मों की महिलाओं के हकों के लिए भी आगे आई थीं। माता सुलखनी, माता शाम कौर, माई भागो ने तो युद्ध में भी साथ दिया। सिखों में आज महिलाएं लंगर भी छका सकती हैं और कीर्तन भी कर सकती हैं।
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