गुरु नानक देव जी की 551वें प्रकाश पर्व पर वेबिनार करवाया
गुरु नानक वाणी की वैश्विक प्रासंगिकता विषय पर एक वेबिनार करवाया।
संस, बठिडा : गुरु नानक देव जी की 551वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने गुरु नानक वाणी की वैश्विक प्रासंगिकता विषय पर एक वेबिनार करवाया। सीयूपीबी के आइक्यूएसी सेल ने कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी तिवारी के संरक्षण में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग के पूर्व प्रमुख प्रो. मनजीत सिंह (सेवानिवृत्त प्रोफेसर) मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे। कार्यक्रम के प्रारंभ में आइक्यूएसी निर्देशक प्रो. एसके बावा ने अपने स्वागत भाषण में आज के सामाजिक, पर्यावरणीय और राजनीतिक परिदृश्य में श्री गुरु नानक के दर्शन के महत्व और उसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। डा. रमनप्रीत कौर ने वेबिनार के विषय के बारे में बताया कि गुरु नानक देव जी द्वारा दिया गया सिख मूल मंत्र एक ओंकार हमें सिखाता है कि ईश्वर एक है। डा. रमनप्रीत कौर ने बताया कि भाई गुरदास, भट्ट साहब और अल्लामा इकबाल ने श्री गुरु नानक देव जी की छवि को अपने लेखों में सूर्य, नारायण और मर्द-ए-कामिल के रूप में चित्रित किया है।
वहीं मुख्य वक्ता प्रो. मंजीत सिंह ने कहा कि गुरु नानक वाणी सिख धर्म की पवित्र पुस्तक श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज पंजाब का आध्यात्मिक साहित्य है, जिसकी दुनिया भर में प्रासंगिकता है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी द्वारा लिखित साहित्य की जड़े पंजाब की संस्कृति और लोकगीतों में हैं, लेकिन इसका वैश्विक संदर्भ है क्योंकि यह लोक कल्याण, सभी के लिए सामाजिक समानता, महिला सशक्तिकरण, मानवता और शांति का संदेश देता है।
डीन प्रभारी अकादमिक प्रो. आरके वुसिरिका ने विद्वतापूर्ण भाषण के माध्यम से वेबिनार के विषय पर ज्ञान सांझा करने के लिए मुख्य वक्ता की सराहना की। डा. अमनदीप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।