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डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन न होने पर लोगों की मुश्किलें बढ़ीं

शहर के घरों और व्यापारिक संस्थानों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाले सफाई कर्मचारी रविवार को भी काम पर नहीं लौटे। लगातार पिछले चार दिनों से चल रही उनकी हड़ताल के कारण लोगों क घरों और व्यापारिक संस्थानों पर बड़ी मात्रा में कचरा इकट्ठा हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 06:47 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 06:47 AM (IST)
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन न होने पर लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन न होने पर लोगों की मुश्किलें बढ़ीं

जागरण संवाददाता, बठिडा : शहर के घरों और व्यापारिक संस्थानों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाले सफाई कर्मचारी रविवार को भी काम पर नहीं लौटे। लगातार पिछले चार दिनों से चल रही उनकी हड़ताल के कारण लोगों क घरों और व्यापारिक संस्थानों पर बड़ी मात्रा में कचरा इकट्ठा हो गया है। इसे रख पाना उन्हें मुश्किल हो रहा है। लोग नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को हर रोज फोन करके उनके घरों से कचरा उठवाने की मांग कर रहे हैं। बहुत लोग इधर-उधर कचरा फेंकने लगे हैं।

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65 हजार घरों से निकलता है 100 टन कचरा

शहर में करीब 65 हजार घर और कामर्शियल यूनिट हैं। 56 मिन्नी टिप्परों के माध्यम से करीब 325 कर्मचारियों की ओर से दो शिफ्टों में कचरा उठाया जाता है। शहर से करीब एक 100 टन कचरा हर रोज निकलता है। यह सभी कर्मचारी ठेकेदार के माध्यम से काम कर रहे हैं। करीब 7600 रुपये के वेतन पर काम कर रहे यह कर्मचारी पिछले चार दिनों से हड़ताल पर चल रहे हैं। इनके साथ ही शहर में नगर निगम के पब्लिक टायलेट्स पर काम करने वाले कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं। रोड गैंग के तहत काम काम करने वाले काफी कर्मचारी बताया जाता है कि वापस काम पर लौट आए हैं। कुछ अभी भी हड़ताल पर हैं। सबसे बड़ी दिक्कत मिन्नी टिप्परों डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाले कर्मियों की हड़ताल कारण पैदा हो रही है। ठेकेदारी सिस्टम बंद कर स्थायी करने की कर रहे मांग

हड़ताल पर चल रहे यह कर्मचारी स्थायी करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे पिछले आठ-नौ सालों से ठेकेदार के अधीन काम कर रहे हैं। ठेकेदारी सिस्टम को खत्म करके उन्हें निगम के अधीन स्थायी किया जाए। बीते शनिवार को नगर निगम के कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए उन्हें तुरंत काम पर वापस लौटने की मांग भी की थी। लेकिन कर्मचारी अपनी स्थायी करने की मांग पर अडिग हैं। काम पर वापस न लौटने पर दूसरे विकल्प पर विचार

उधर, सफाई कर्मचारियों के काम पर वापस न लौटने की स्थिति में नगर निगम की ओर से इसके विकलप पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल उन्हें मनाने की कोशिशें भी जारी हैं। वहीं इसके साथ ही काम पर वापस न आने पर अन्य विकलप के बारे में भी सोचा जा रहा है। नगर निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल कहते हैं कि यह सभी कर्मचारी कांट्रैक्ट बेस पर ठेकेदार के अधीन काम करते हैं। अगर यह लोग काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो निगम की ओर से ठेकेदार को कहा जाएगा कि उन्हें कांट्रैक्ट के अनुसार दूसरे कर्मचारी मुहैया करवाए जाएं।


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