ग्रामीणों ने समाज सुधार की ओर बढ़ाए कदम, पुराने व खर्चीले रिवाज होंगे खत्म
बठिंडा के गांव लहरी के लोगाें ने समाज सुधार के लिए कदम बढ़ाया है। ग्रामीणों ने पुरानी रिवाजों को खत्म कर नए समाज के निर्माण का बीड़ा उठाया है।
बठिंडा, [गुरप्रेम लहरी]। जिले के गांव लहरी के लोगों ने समाज सुधार के लिए कदम बढ़ाया है। लोगों ने पुरानी रिवाजाें और रवायतों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। गांव के लोगों ने एक बैठक कर समाज को नई दिशा देने का फैसला किया। इसमें फैसला किसा गया कि दिखावे के लिए किए जाने वाले रिवाजों का पूर्णरूप से त्याग किया जाएगा। बैठक में खुशी व गम के मौके पर होने वाले फालतू खर्चों पर भी लगाम लगाने का भी फैसला किया गया।
गांव के सरपंच गुरदेव सिंह और नंबरदार जसपाल सिंह ने बताया कि गांव की पंचायत, क्लबों, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व गणमान्य लोगों ने प्रस्ताव पारित किया है कि गांव में किसी बुजुर्ग की मौत पर मिठाई नहीं बनाई जाएगी। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में गांव में बेटियों की शादी पर गांव का कोई नागरिक शराब नहीं न तो पीएगा और न ही पिलाएगा। ये फैसले गांव में तत्काल लागू कर दिए गए हैं। गांव क सुखदेव सिंह विर्क के अनुसार, इन फैसलों का उल्लंघन करने वाले को 25 हजार रुपये जुर्माना देना पड़ेगा।
बैठक में ये फैसले हुए-
- किसी बुजुर्ग की मौत पर मिठाई या खीर नहीं बनेगी। केवल साधारण खाना ही बनेगा।
- गांव में किसी की मृत्यु के बाद केवल परिवार वाले ही पार्थिव शरीर पर कपड़ा डालेंगे। किसी अन्य को इसकी इजाजत नहीं होगी।
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- अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां चुगने की रस्म केवल परिवार व गांव के लोग करेंगे। अन्य शहरों व कस्बों से आने वाले रिश्तेदारोंं को आने में परेशानी को देखते हुए उन्हें नहीं बुलाया जाएगा।
- लड़की की शादी के समय सभी लोग मिल कर काम करेंगे, गांव का कोई भी नागरिक शराब नहीं पीएगा।
- बच्चा होने की खुशी में महंतों को केवल के लिए पांच सौ रुपये ही बधाई के रूप में दिए जाएंगे। शादी पर किसी प्रकार की कोई बधाई नहीं दी जाएगी।
-गांव में किसी को भी ट्रैक्टर पर डेक या स्पीकर लगा कर गाने बजाने की अनुमति नहीं होगी।
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- शादी के मौके पर सिर्फ एक दिन के लिए रात दस बजे तक ही डीजे चलाया जा सकेगा।
- शादी के बाद गांव में पहली लोहड़ी बांटने का रिवाज भी बंद कर दिया गया।
- गांव के गुरुद्वारा साहिब से घर-घर जा कर गेंहू की मांग नहीं की जाएगी। लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार खुद गुरुद्वारा साहिब में आकर गेंहू दान करेंगे।