वित्तमंत्री का ओएसडी नहीं करने दे रहा काम : सरपंच
गांव घुद्दा की कांग्रेस सरपंच ने ही वित्तमंत्री के ओएसडी पर लगाए काम न रुकावटें डालने के आरोप गांव घुद्दा की कांग्रेस सरपंच ने ही वित्तमंत्री के ओएसडी पर लगाए काम न रुकावटें डालने के आरोप
जागरण संवाददाता, बठिडा
गांव घुद्दा की पंचायत ने वित्तमंत्री के ओएसडी जगतार सिंह पर गांव में काम न करने देने के अलावा परेशान करने के आरोप लगाए हैं। बठिडा प्रेस क्लब में की गई प्रेसवार्ता के दौरान सरपंच सीमा रानी ने बताया कि वह वित्तमंत्री के ओएसडी की चाची के मुकाबले चुनाव लड़ी व विजेता बनी। गांव के पंच भी उनके पक्ष से ही विजेता रहे।
उन्होंने बताया कि राजनीतिक दबाव के चलते ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के सचिव से लेकर जिला विकास व पंचायत अफसर न सिर्फ उनके द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों में रुकावटें डाल रहे हैं, बल्कि चुने गए पंचायत के मेंबरों को जलील भी करते हैं। आमदन बढ़ाने के उद्देश्य से पंचायत ने मुनादी करवा कर गांव में बनी दुकानों की बोली करवानी चाही तो ओएसडी के दबाव में अधिकारियों ने उनकी चलती बोली में रिकार्ड बठिडा दफ्तर से लेकर आने के आदेश जारी कर दिए, जिस कारण बोली रद हो गई। दो दुकानें ओएसडी ने खुद किराए पर ले रखी हैं, जिस कारण वह बोली नहीं करवाना चाहते।
सरपंच सीमा रानी के अनुसार उसके मुकाबले हारने वाली उम्मीदवार बेशक अकाली दल के साथ संबंधित है, लेकिन वित्तमंत्री के दोनों ओएसडी उनके खानदान से ही संबंधित हैं। पंचायत के आरोप अनुसार विकास कार्यों के खर्चे के लिए जब पंचायत सचिव को बीडीपीओ से चेक पर साइन करवाने के लिए कहा जाता है तो उसका जवाब यह होता है कि बिना रिश्वत दिए ऐसा नहीं होगा। यहां तक कि पंचायत ने ऐसी एक आडियो अपने कब्जे में भी होने का दावा किया है। इस मौके पर नरिद्रपाल सिंह पंच, गगनदीप कौर पंच, रमनदीप सिंह पंच, गुरप्रीत कौर पंच, गुरमीत कौर पंच, सुरजीत राम पंच, रमनदीप कौर पंच व प्रितपाल काका भी उपस्थित थे। बाक्स
आरोप बेबुनियाद : ओएसडी
वित्तमंत्री के ओएसडी जगतार सिंह ने बताया कि वह ऐसे छोटे मामलों में नहीं आते। पंचायत की दुकान उनके पास पिछले लंबे समय से किराए पर हैं, जिसका वह बाकायदा पंचायत को किराया अदा कर रहे हैं। चुनाव आचार संहिता लगी होने के कारण पंचायत दुकानों की बोली ही नहीं करवा सकती। उन पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं।