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सेंट्रल यूनिवर्सिटी में करवाया त्रिभाषी मुशायरा

सेंट्रल यूनिवर्सिटी में उर्दू पंजाबी और हिदी भाषाओं की कविता की वास्तविक कला का प्रदर्शन करने के लिए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने सिटी कैंपस में त्रिभाषी मुशायरा कुलपति प्रो. आरके कोहली की अध्यक्षता करवाया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 12:40 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 12:40 AM (IST)
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में करवाया त्रिभाषी मुशायरा
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में करवाया त्रिभाषी मुशायरा

संस, बठिडा : सेंट्रल यूनिवर्सिटी में उर्दू, पंजाबी और हिदी भाषाओं की कविता की वास्तविक कला का प्रदर्शन करने के लिए, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने सिटी कैंपस में त्रिभाषी मुशायरा कुलपति प्रो. आरके कोहली की अध्यक्षता करवाया। वहीं, विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग द्वारा पंजाब उर्दू अकादमी मालेरकोटला के सहयोग से किया गया। इस दौरान मुख्यअतिथि के तौर पर लतीफ अहमद, सचिव उर्दू अकादमी और एसडीएम फगवाड़ा पहुंचे। इस काव्य संगोष्ठी के दौरान विभिन्न राज्यों से आए प्रख्यात कवियों ने अपने सुंदर काव्य से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सीयूपीबी के रजिस्ट्रार केपी सिंह मुंद्रा के साथ संकाय, स्टाफ और छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर शायरी का आनंद लिया।

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अकादमिक मामलों के डीन प्रोफेसर पी रामाराव ने मेहमानों का स्वागत किया और हमारी संस्कृति को संरक्षित करने में मुशायरा के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्यअतिथि ने राज्य में उर्दू भाषा और इसके साहित्य के प्रचार में पंजाब उर्दू अकादमी के योगदान को सांझा किया। उन्होंने उर्दू भाषा में करिअर के अवसरों पर प्रकाश डाला और छात्रों को इस खूबसूरत भाषा को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं कार्यक्रम के दौरान, डॉ. मोहम्मद रफी, डॉ. मोहम्मद सलीम जुबरी, साहिब•ादा अ•ामल खान शेरवानी और जफर अहमद जैसे प्रसिद्ध उर्दू कवियों ने अपनी खूबसूरत गजलों और नज्मों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हिदी कवि डॉ. राजिदर कुमार और संदीप कुमार बिश्नोई ने हिदी शायरी पर अपने मूल कार्यो का प्रदर्शन किया। इसके अलावा डॉ. जमीर संधू ने पंजाबी कविता पर अपने प्रदर्शन से सभी को मोहित कर दिया। वहीं, प्रो. आरके कोहली ने अपने अध्यक्षीय भाषण में उर्दू पंजाबी और हिदी भाषा की मूल काव्य कला को बहुत ही सुंदरता से पेश करने के लिए प्रख्यात कवियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, कि त्रिभाषी मुशायरा राज्यों के लोगों को करीब लाने में मदद करता है और सीयूपीबी भविष्य में ऐसे आयोजन करने के लिए प्रतिबद्ध है।


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